पीएम नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘जवाद’ को लेकर बनी स्थिति पर बैठक की। बैठक में जवाद तूफान के चलते रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। वहीं, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी में आसन्न चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की, जिसके आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को प्रभावित करने की संभावना जताई है।
Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting on the cyclone-related situation in the country. pic.twitter.com/eWIcoFp8rm
— ANI (@ANI) December 2, 2021
मछुआरों को वापस बुलाने के दिए आदेश
देश के शीर्ष नौकरशाह ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को ‘किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान से बचने और संपत्ति, बुनियादी ढांचे और फसलों को कम से कम नुकसान पहुंचने देने’ का निर्देश दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘कैबिनेट सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए कि मछुआरों और समुद्र में सभी नौकाओं को तुरंत वापस बुला लिया जाए और चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए।’
तेज हवा के साथ भारी बारिश की आशंका
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने एनसीएमसी को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव वाले क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी, जिसके तीन दिसंबर तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। बयान में कहा गया है, ‘इसके चार दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 90 किमी प्रति घंटे से 100 किमी प्रति घंटे के साथ होगी, साथ ही भारी वर्षा होने की भी आशंका है।’ चक्रवाती तूफान के आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम और ओडिशा के तटीय जिलों को प्रभावित करने की आशंका है।
एनडीआरएफ की 32 टीमों को किया तैनात
चक्रवाती तूफान से तटीय क्षेत्रों और पश्चिम बंगाल के भागों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है। बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इन राज्यों में 32 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा जा रहा है। थल सेना और नौसेना के बचाव दल जहाजों और विमानों के साथ जरूरत पड़ने पर तैनाती के लिए तैयार हैं। गौबा ने राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियांतैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध होंगी।
ये भी पढ़े: प्रदूषण के कारण दिल्ली के स्कूल कल से अगले आदेश तक बंद, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार ने लिया फैसला