ग्वालियरमध्य प्रदेश

70 साल बाद भारत में चीतों की वापसी, PM मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा… फिर खुद कैमरे से ली तस्वीर

भारत में चीतों का 70 साल का इंतजार खत्म हो गया है। पीएम मोदी ने नामीबिया से आए 8 चीतों में से 3 को मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में बने क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ दिया है। इन चीतों को विशेष विमान के जरिए ग्वालियर एयरपोर्ट लाया गया था। यहां से चिनूक हेलिकॉप्टर से इन्हें कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया। वहीं पीएम मोदी स्व-सहायता समूह सम्मेलन में भी शिरकत करेंगे।

खास पिंजरों में चीते पहुंचे भारत

शनिवार सुबह 7.55 बजे नामीबिया से स्पेशल चार्टर्ड कारगो फ्लाइट 8 चीतों को भारत लेकर आई। ग्वालियर एयरबेस पर इनका रुटीन चेकअप हुआ। जिसके बाद ग्वालियर एयरबेस से चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया। नामीबिया से चीतों को खास तरह के पिंजरों में लाया गया। लकड़ी के बने इन पिंजरों में हवा के लिए कई गोलाकार छेद किए गए हैं।

ग्वालियर पहुंचे चीतों की पहली तस्वीर आई सामने

ग्वालियर एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया चीतों का स्वागत

पीएम मोदी का मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम

सुबह 9.45 बजे: विशेष विमान से ग्वालियर आगमन

सुबह 10.35 बजे: हेलीकॉप्टर से कूनो नेशनल पार्क पहुंचेंगे

सुबह 10.45 से 11.15 बजे: चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे।

सुबह 11:30 बजे: हेलीकॉप्टर से कराहल रवाना होंगे।

सुबह 11.50 बजे: कराहल पहुंचेंगे।

दोपहर 12 से 1 बजे: महिला स्व सहायता समूह सम्मेलन में शामिल होंगे।

दोपहर 1.15 बजे: कराहल से हेलिकॉप्टर से ग्वालियर रवाना।

दोपहर 2.15 बजे: ग्वालियर एयरपोर्ट पहुंचेंगे।

दोपहर 2.20 बजे: ग्वालियर से रवाना।

विशेष चार्टर कार्गो उड़ान से भारत लाए गए चीते

 

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748 वर्ग के कूनो-पालपुर पार्क में दौड़ेंगे चीते

दरअसल, कूनो-पालपुर नेशनल पार्क 748 वर्ग किमी में फैला है। यह छह हजार 800 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले खुले वन क्षेत्र का हिस्सा है। चीतों को लाने के बाद उन्हें सॉफ्ट रिलीज में रखा जाएगा। दो से तीन महीने बाड़े में रहेंगे। ताकि वे यहां के वातावरण में ढल जाए। इससे उनकी बेहतर निगरानी भी हो सकेगी। 4 से 5 वर्ग किमी के बाड़े को चारों तरफ से फेंसिंग से कवर किया गया है। चीता का सिर छोटा, शरीर पतला और टांगे लंबी होती हैं। यह उसे दौड़ने में रफ्तार पकड़ने में मददगार होती है। चीता 120 किमी की रफ्तार से दौड़ सकता है।

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8 चीतों की तस्वीर आई सामने

इन 8 चीतों की तस्वीरें जारी कर दी गई है। जिसमें तीन नर और पांच मादा चीते शामिल हैं। सभी की उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। खास बात ये है कि इनमें दो सगे भाई हैं और नामीबिया के एक प्राइवेट रिजर्व में हैं। भारत में चीतों को फिर से बसाने की परियोजना में शामिल प्रमुख एजेंसियों में से एक चीता संरक्षण कोष ने बुधवार को विवरण जारी करते हुए कहा कि नामीबिया से आने वाले आठ चीतों में से तीन पुरुष हैं। इनमें से दो की उम्र साढ़े पांच साल है, जबकि एक की उम्र साढ़े चार साल है। वहीं, आने वाली पांच मादा चीतों में से दो मादा चीता पांच साल की, जबकि एक दो साल की, एक ढाई साल की और एक की उम्र तीन से चार साल के बीच है।

70 साल बाद भारत आए चीते

चीतों का तेजी से शिकार बढ़ जाने की वजह से ये प्रजाति संकट में आ गई थी। मध्य प्रदेश के कोरिया में 1947 में देश में अंतिम तीन चीतों को मार दिया था। इसके बाद 1952 में भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर देश में चीता को विलुप्त घोषित कर दिया था।

 

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