
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के गुफा मंदिर प्रांगण में अक्षयोत्सव-भगवान श्री परशुराम जी की प्रतिमा प्रतिष्ठा समारोह का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
भगवान परशुराम की प्रतिमा का अनावरण
जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने सीएम शिवराज एवं गणमान्य जनप्रतिनिधियों व अतिथियों की उपस्थिति में गुफा मंदिर प्रांगण में भगवान श्री परशुराम की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।
‘स्कूलों में पढ़ाया जाएगा भगवान परशुराम का चरित्र’
कार्यक्रम के दौरान सीएम शिवराज ने संबोधन में बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री परशुराम जी के संदर्भ में स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम में पाठ शामिल करने का निर्देश दे रहा हूं। श्री परशुराम जी के विषय में सभी पढ़ें और उनके जीवन से प्रेरणा लें।
सीएम शिवराज सिंह का संबोधन
- आज हम सब धन्य हैं। भगवान परशुराम जी का अवतरण दिवस है और इस अवतरण दिवस पर भगवान परशुराम जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण करने स्वामी अवधेशानंद जी महाराज पधारे हैं।
- स्वामी अवधेशानंद जी महाराज के चेहरे पर तेज है। उनकी वाणी में ओज है। मां सरस्वती जी उनकी जिभ्या पर विराजती हैं। विद्वता उनकी आरती उतारती है।
- भगवान परशुराम जी सबके हैं। आज अक्षय तृतीया भी है। आज कई बेटियां दांपत्य सूत्र के बंधन में बंधेगी। मैं बेटी-दामादों को भी शुभकामनाएं देता हूं।
- भगवान परशुराम जी अक्षय हैं, अनंत हैं, सर्व व्यापक हैं। सत्य और धर्म की स्थापना के लिए वो हैं। दुष्टों का अंत और मानवता की रक्षा के लिए महायज्ञ उन्होंने प्रारंभ किया।
- भगवान विष्णु जी के 6वें अवतार भगवान परशुराम जी प्रचंड और व्यापक हैं। प्रचंडता उनकी साधना में है, प्रत्यक्ष युद्ध में भी है और समाज सेवा में भी हैं। उनका अवतरण सतयुग और त्रेता काल के संधिकाल में हुआ।
- हम सभी जानते हैं भगवान श्री राम जी को विष्णु धनुष भगवान परशुराम जी ने प्रदान किया था। भगवान श्री कृष्ण को सुदर्शन चक्र भी भगवान परशुराम जी ने प्रदान किया था और गीता का सूत्र वाक्य भी भगवान परशुराम जी ने दिया था।
- भगवान परशुराम जी का अवतरण उस समय हुआ जब समाज में भयंकर अराजकता थी। जब मानवता पीड़ा से कहर उठी, सज्जनों के साथ संतों पर भी अत्याचार बढ़ने लगे, हिंसा का तांडव होने लगा, तब भगवान श्री परशुराम ने दुष्टों का संहार करने के लिए फरसा उठाया।
- भगवान श्री परशुराम जी ने धर्म की रक्षा के लिए हमें शक्ति और साहस देते हैं। समाज में ऐसे दुष्ट-पापी हैं, जो बेटियों-महिलाओं पर बुरी नजर रखते हैं, इन्हें जेल में डालना ही पर्याप्त नहीं है। तब परशुराम जी प्रेरणाा देते हैं कि ऐसे दुष्टों को कुचल दिया जाए।
- भौतिकता की अग्नि में दग्ध इस विश्व मानवता को शाश्वत शांति का दिग्दर्शन कराएगा तो हमारा सनातन धर्म और हमारी संस्कृति ही कराएगा। इसलिए हमने ओंकारेश्वर में आदि गुरु आचार्य शंकर जी की भव्य प्रतिमा बनाने का संकल्प लिया है।
- ये सनातन संस्कृति आगे बढ़ती रहे। इसके लिए विद्वान, कर्मकांडी हमारी संस्कृति और परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए चाहिए। हमने 1900 पदों पर संस्कृत शिक्षकों की भर्ती कर दी है। आगे भी भर्ती अभियान जारी रहेगा। जब तक पद नहीं भरे जाते, हम अतिथि शिक्षक रखेंगे।
- ऐसे मंदिर, जिनके साथ कोई भूमि या संपत्ति नहीं लगी है, उन मंदिरों के पुजारियों को 5 हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। कई मंदिर ऐसे हैं जहां बड़ी मात्रा में जमीनें हैं उसमें से ही मानदेय की व्यवस्था की जाएगी।
- किसी भी मंदिर की जमीन सरकार नीलाम नहीं करेगी। यदि जमीन नीलाम करेंगे तो पुजारी ही करेंगे। मंदिर की जमीनें न बिके, इस पर सुझाव के लिए समिति गठित की जाएगी। सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
- संस्कृत पढ़ने वाले कर्मकांडी विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी। संस्कृत पढ़ने वाले जितने भी बालक हैं उनके लिए छात्रवृत्ति प्रारंभ की जाएगी। हमने सामान्य वर्ग आयोग बनाया है।सामान्य वर्ग के निर्धन ब्राम्हण के कल्याण के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे।
- भगवान परशुराम जी के प्रकट स्थल पर भगवान की कृपा से उस पवित्र स्थल के सुव्यवस्थित विकास का कार्य जारी है। भगवान परशुराम जी के आशीर्वाद से अक्षय सरकार चलाएंगे और दुष्टों का विनाश करेंगे और सज्जनों का कल्याण करेंगे।
स्वामी अवधेशानंद बोले- CM शिवराज भारत का भविष्य
स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने सीएम शिवराज सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि आपकी संवेदनशीलता प्राय: सर्वत्र सुपरिचित है न केवल मध्यप्रदेश बल्कि सभी जगह। आप भारत के भविष्य हैं। मेरी बहुत शुभकामनाएं। प्रदेश का मंगल हो। मध्यप्रदेश सर्वथा आगे बढ़े।
सबसे श्रेष्ठ प्रदेश MP है : स्वामी अवधेशानंद
स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि कुछ सालों पहले तक मध्यप्रदेश को बीमारू प्रदेश कहा जाता था, लेकिन आज अप्रत्याशित रूप से हर क्षेत्र में प्रदेश निरंतर विकास कर रहा है। आज सबसे उन्नत, सबसे श्रेष्ठ और आगे बढ़ने वाला प्रदेश कोई है तो वे मध्यप्रदेश है।