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Rudraksh Mahotsav : कुबेरेश्‍वर धाम में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, 24 घंटे होगा रुद्राक्ष वितरण; शिव महापुराण की कथा कल से

सीहोर। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित गांव निर्माणाधीन मुरली मनोहर और कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में 16 फरवरी से होने जा रहे रुद्राक्ष 7 दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव और शिवमहापुराण कथा में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। रुद्राक्ष महोत्सव 16 फरवरी से 22 फरवरी तक चलेगा इस दौरान सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा कुबेश्वर धाम में शिवमहापुराण की कथा का वाचन भी करेंगे।

महोत्सव के एक दिन पहले कुबेश्वर धाम आश्रम पर देश के विभिन्न प्रदेशों और जिलों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए हैं। परिसर में जल चढ़ाने के लिए एक किमी व रुद्राक्ष वितरण काउंटर के सामने दो किमी लंबी तक श्रद्धालु की कतार लग गई। हालांकि, 7 दिन तक 24 घंटे रुद्राक्ष वितरण किया जाएगा।

जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की लगी लंबी कतार

कुबेरेश्वर धाम में बनाए गए स्थल की पूजा के लिए सुबह से ही एक-एक किमी लंबी कतार श्रद्धालु की लगी हुई है। यहां महिलाएं हाथों में जल व विल्बपत्र लेकर घंटों अपने नंबर का इंतजार करते हुए नजर आई। हालात यह है कि जिसको जहां जगह मिल रही है, वह वहीं श्रीफल व पूजन सामग्री चढ़ाकर पूजा-अर्चना कर रहा है।

श्रद्धालुओं ने डेरा डाला

आयोजन स्थल पर श्रद्धालुओं की बड़ी तादाद को देखते हुए बड़े-बड़े डोम तैयार किए गए हैं। कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से कहा था कि 16 से 22 फरवरी तक रुद्राक्ष महोत्सव में इनका वितरण किया जाएगा। लेकिन दो दिन पहले ही मंगलवार को यहां बनाए गए तीन बड़े डोम सहित होटल, लॉज व ग्रामीण क्षेत्र में जहां जिसको जगह मिली, वहां श्रद्धालुओं ने डेरा डाल लिया।

रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है : पं मिश्रा

हिन्दू धर्म का पालन करने वालों में रुद्राक्ष का विशेष महत्व होता है। रुद्राक्ष को भगवान शिव से जोड़ कर देखा जाता है, जो भी व्यक्ति रुद्राक्ष पहनता है, उसके खराब ग्रह सुधर जाते हैं और शुभ फल देने लगते हैं। रुद्राक्ष धारण करने से दिल संबंधित बीमारियां, तनाव, चिंता, ब्लड प्रेशर आदि को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह बात पंडित प्रदीप मिश्रा ने कही। उन्होंने बताया कि कुबरेश्वरधाम के रुद्राक्ष भोपाल विज्ञान केंद्र और इंदौर विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक जांच के लिए गए थे। रिपोर्ट आई तो पता चला कि रुद्राक्ष में नेपाल स्थित गंडकी नदी का पानी मिला हुआ है। इसे औषधीय माना जाता है। रुद्राक्ष को पानी में डालकर रखा जाए और उस पानी को लोगों को पिला दें तो रोगी की बीमारियां दूर हो जाती हैं।

भोपाल-इंदौर हाईवे पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध

आयोजन की वजह से अगले 7 दिन तक इंदौर-भोपाल फोरलेन हाईवे पर भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सुबह छह बजे से रात दस बजे तक भारी वाहनों के प्रवेश पर निषेध रहेगा। पिछले रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान पैदा हुई अव्यवस्थाओं को देखते हुए जिला प्रशासन इस बार यह व्यवस्था की है। इंदौर जाने वाले और भोपाल आने वाले भारी वाहन सीहोर होकर नहीं गुजरेंगे। इंदौर से भोपाल आने वाले वाहनों को देवास से डायवर्ट कर दिया जाएगा, जबकि भोपाल से इंदौर जाने वाले वाहनों को श्यामपुन-ब्यावरा मार्ग से भेजा जाएगा।

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