
इंदौर। एमवाय अस्पताल में HIV पॉजिटिव मरीज को थप्पड़ मारने वाले जूनियर डॉक्टर ने जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की। जिसके बाद साथी जूनियर डॉक्टरों ने महाराजा यशवंत राव होलकर (MY) अस्पताल में जमकर हंगामा किया। हाल ही में प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें जूनियर डॉक्टर HIV पॉजिटिव मरीज को इलाज के दौरान थप्पड़ मारते नजर आ रहा था। जिसके बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था। जहर खाने वाले जूनियर डॉक्टर के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है। वहीं सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जूनियर डॉक्टरों ने किया हंगामा
जानकारी के मुताबिक, जूनियर डॉक्टर शुक्रवार रात अपने होस्टल से खाना खाने के लिए निकला था और कुछ देर बाद जब वो लौटा तो उसकी हालत गंभीर थी। साथी डॉक्टरों को जब उसके जहर खाने की बात पता चली तो वे उसे लेकर तुरंत एमवाय अस्पताल पहुंचे। जहां साथी के जहर खाने से नाराज अन्य जूनियर डॉक्टरों ने हंगामा शुरू कर दिया। देखें वीडियो…
मामले को लेकर सभी जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि, वीडियो में डॉक्टर मरीज को क्यों मार रहा है। यह जाने बिना ही मीडिया ने यह खबर चला दी। मरीज HIV पॉजिटिव था और उसके हाथ पर चोट थी। मरीज को पहले ही बता देना चाहिए था कि, उसे HIV है ताकि डॉक्टर सावधानी के साथ इलाज करते। अगर डॉक्टर किसी प्रकार संक्रमित हो जाता तो इसकी जिमेदारी किसकी होती। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत करवाया।
क्या है पूरा मामला
पूरी घटना करीब 7 दिन पहले यानि 28 अक्टूबर की है। उज्जैन जिले के ग्राम पंचचिड़िया के निवासी रामरतन (बदला हुआ नाम) का एक दुर्घटना में पैर फैक्चर हो गया था। उसके परिजन उसे पहले उज्जैन के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने रामरतन को इंदौर रेफर कर दिया। परिजन रामरतन को लेकर इंदौर के MY अस्पताल पहुंचे। इसी दौरान जब इलाज के दौरान ड्यूटी डॉक्टर को मरीज के एचआईवी पॉजिटिव होने की जानकारी लगी, तो उसने मरीज की जमकर पिटाई कर दी। इसी दौरान किसी ने इसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही अस्पताल प्रबंधन ने मारपीट करने वाले जूनियर डॉक्टर आकाश कौशल को निलंबित कर दिया। देखें वीडियो…
HIV पीड़ित के साथ जानवरों से बदतर व्यवहार
घटना के बाद मरीज के परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि, मरीज एचआईवी पॉजिटिव था। इसलिए उनके साथ मारपीट की गई। परिजनों का दावा है कि, जब उन्होंने डॉक्टर को ऐसा करने से रोका तो उनके साथ भी मारपीट की गई। उनका आरोप है कि, उनके पेशेंट के साथ इतनी बेरहमी से मारपीट की गई कि उसके चेहरे से खून आने लगा। इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स और स्टाफ ने पेशेंट के साथ आए सभी परिजनों को वार्ड के बाहर भेज दिया। इस मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी की गई।
(इनपुट – हेमंत नागले)