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Anant Ambani ने अपनी शादी में मुगल बादशाह की ‘कलगी’ को बनाया ‘बाजूबंद’, जानिए शाही गहने की कीमत

मुंबई। बिजनेसमैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी पिछले काफी समय से चर्चा का विषय बनी हुई है। दो ग्रैंड प्री-वेडिंग और एक सप्ताह तक चलने वाली प्री-वेडिंग रस्मों के बाद 12 जुलाई को अनंत और राधिका फाइनली शादी के बंधन में बंध गए। इस रॉयल शादी में देश ही नहीं विदेश की कई मशहूर हस्तियों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान अंबानी परिवार का अंदाज सबसे जुदा रहा।

शादी में दूल्हे अनंत अंबानी ने अपनी मां नीता अंबानी की दुर्लभ ज्वेलरी पहनी, जो चर्चा का विषय बनी हुई है। उन्होंने मुगल बादशाह शाहजहां के जमाने की ‘कलगी’ को बाजूबंद के तौर पर पहना है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसकी कीमत 200 करोड़ रुपए है।

अनंत ने शादी में पहना मां नीता अंबानी का बाजूबंद

दूल्हे अनंत अंबानी ने अपनी शादी में अपनी मां नीता अंबानी की एक दुर्लभ ज्वेलरी पहनी। अनंत ने जो बाजूबंद पहना था, वह वास्तव में मुगल सम्राट शाहजहां की कलगी थी। यह कलगी प्राचीन स्पिनल, माणिक और हीरे से बनी है और कथित तौर पर इसकी कीमत 200 करोड़ रुपए है। जिसे देखकर अनुमान लगाया जाता है कि यह कभी शाही मुगल दरबार का हिस्सा रहा होगा।

नीता ने ‘मिस वर्ल्ड पेजेंट 2024’ में पहनी थी कलगी

बता दें कि मुंबई में आयोजित ‘मिस वर्ल्ड पेजेंट 2024’ इवेंट में नीता अंबानी शामिल हुई थीं। इस कार्यक्रम के दौरान नीता को उनके परोपकारी कार्यों के लिए ‘ब्यूटी विद पर्पस ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था। इस दिन खूबसूरत दिखने के लिए उन्होंने काले रंग की बनारसी साड़ी पहनी थी, जिसके ऊपर सोने और जरी से चमकदार डिज़ाइन बनाए गए थे। उन्होंने मुगल काल की एक ज्वेलरी से अपने लुक को कंप्लीट किया। वह कलगी थी, जिसे उन्होंने बाजूबंद के रूप में इस्तेमाल किया था, जिसने उनके पूरे लुक को और भी बेहतर बना दिया।

‘कलगी’ एक हेडपीस है

दरअसल, ‘कलगी’ एक हेडपीस है, जिसे आम तौर पर पगड़ी से जोड़ा जाता है। ताकि पूरे लुक को और भी शानदार बनाया जा सके। इस शानदार पगड़ी एक्सेसरी का इतिहास मुगल साम्राज्य से जुड़ा है। कलगी खास तौर पर सम्मान, गरिमा और रॉयल्टी का प्रतीक है। अनंत ने जो कलगी पहनी थी, उसके बारे में बात करें, तो टोपोफिलिया के अनुसार, यह 13.7 सेमी ऊंची और 19.8 चौड़ी है, जो रूबी, स्पिनल और हीरे जैसे कीमती रत्नों से बनी है। इसके ऊपर की डिज़ाइन को ‘पच्चीकाकाम’ तकनीक के रूप में जाना जाता है, जिसे भारतीय ज्वेलर्स ने यूरोपीय पंजा सेटिंग स्टाइल को फॉलो करते हुए अपनाया था, जो एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें हीरे को मजबूती से पकड़ने के लिए धातु के पंजे तैयार किए जाते हैं। कई रिपोर्टों के अनुसार, मुगल साम्राज्य की इस कीमती सिर की ज्वेलरी की नीलामी 2019 में की गई थी।

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