
ग्रीनसेल मोबिलिटी की इंटर-सिटी प्रीमियर एसी इलेक्ट्रिक बस सेवा, न्यूगो को इंदौर-भोपाल मार्ग पर आवागमन सेवाओं के संचालन के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण की ओर से परमिट दिया गया है। कंपनी ने निर्धारित समय के अनुसार अपने सभी इलेक्ट्रिक वाहनों का रोड ट्रायल शुरू कर दिया है।
कहां से होकर जाएंगी बसें ?
यातायात के सामान्य रहने की स्थिति में ये बसें एक बार चार्ज किए जाने के बाद एयर कंडीशनर के साथ 250 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती हैं। इंदौर में ये बसें तीन इमली स्क्वायर, नवलखा बस स्टैंड, सरवटे बस स्टैंड, पिपलियाहन वर्ल्ड कप स्टैच्यू और स्टार स्क्वायर के रास्ते से होकर गुजरेंगी। जबकि भोपाल में ये बसें आईएसबीटी, हबीबगंज, लालघाटी, रेडिसन स्क्वायर, सरवटे बस स्टैंड के मार्ग से जाएंगी।
राज्य में पहला इंटर-सिटी इलेक्ट्रिक कोच
न्यूगो को नए जमाने के यात्रियों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। जो ग्रीनसेल मोबिलिटी का पहला अखिल भारतीय इंटर-सिटी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कोच ब्रांड है। बता दें कि जून महीने की शुरुआत में इंदौर-भोपाल मार्ग पर इन बसों के आवागमन सेवाओं की शुरुआत की जाएगी। कंपनी ने परिचालन सेवाओं की शुरुआत से पहले इस महीने में बसों को सड़क मार्ग पर 1 लाख किलोमीटर तक चलाने की योजना बनाई है।
बसों का रोड ट्रायल कर रहे हैं : अशोक अग्रवाल
इस अवसर पर ग्रीनसेल मोबिलिटी के एमडी एवं सीईओ अशोक अग्रवाल ने कहा कि इंदौर-भोपाल मार्ग पर इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए परमिट प्राप्त करके हम बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं। परिचालन की शुरुआत से पहले हम अपनी बसों का रोड ट्रायल कर रहे हैं, जिससे ग्राहकों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
कंपनी यात्रियों को अपनी बसों के माध्यम से बेहद आरामदायक, सुरक्षित, शोरगुल से मुक्त, स्वच्छ और प्रदूषण रहित आवागमन सेवाओं के साथ-साथ यात्रा का बेमिसाल अनुभव प्रदान करेगी। ग्राहकों को प्राथमिकता देने वाली बस सेवा के रूप में, कंपनी यात्रियों को पैसा वसूल प्रस्तावों के साथ-साथ बिना किसी परेशानी के यात्रा का शानदार अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस तरह पूरा सफर यात्रियों के लिए आनंददायक बन जाता है।
न्यूगो ने की ये घोषणा
न्यूगो ने दक्षिणी, उत्तरी और पश्चिमी भारत में प्रमुख शहरों के बीच के मार्गों पर 750 प्रीमियम एसी ई-बसों के संचालन की घोषणा की है। इस तरह ये बसें अपने रास्तों पर गुजरते हुए 75 से अधिक शहरों को कवर करेंगी। कंपनी की 100 इलेक्ट्रिक बसें मध्यप्रदेश के विभिन्न शहरों से होकर गुजरेंगी। इन बसों के जीवनकाल में CO2 के उत्सर्जन में कुल मिलाकर 56,154 टन की कमी आएगी। जबकि कंपनी के जरिए 4,125 लोगों को नौकरियां मिलेंगी। कंपनी अपनी पेशकश के जरिए परिचालन के पहले साल में देश भर में लगभग 28,000 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण करेगी।