
नई दिल्ली। भारतीय मुक्केबाज उर्वशी सिंह ने कोलंबो में 10 राउंड के मुकाबले में थाईलैंड की नेशनल चैंपियन थानचानोक फानन को हराकर WBC इंटरनेशनल सुपर बेंथमवेट और WBC एशिया सिल्वर क्रॉउन के खिताब अपने नाम किए। उर्वशी ने रविवार रात हुए मुकाबले में थानचानोक को सर्वसम्मत फैसले से हराया।
उर्वशी ने शुरूआती राउंड में रणनीतिक रवैया अपनाया लेकिन चौथे राउंड से वह अपनी प्रतिद्वंदी पर हावी हो गई। थानचानोक ने वापसी की कोशिश की लेकिन उर्वशी अपनी रणनीति, तेजी और करारे मुक्कों से थाईलैंड की खिलाड़ी पर पूरी तरह से हावी रहीं।
मैं अपनी पूरी प्रमोशन टीम की आभारी हूं, जिनके बिना यह उपलब्धि हासिल नहीं कर सकती थी। मैं अब डब्ल्यूबीसी एशिया महाद्वीपीय और अंतरराष्ट्रीय चैंपियन हूं।
सरजू बाला फ्लाईवेट खिताब जीतीं
इस बीच पूर्व एमेच्योर युवा विश्व चैंपियन सरजू बाला देवी ने थाईलैंड की ख्वांचित खुन्या के चोटिल हो जाने के कारण दूसरे राउंड में बाहर हो जाने से फ्लाईवेट खिताब जीता। भारतीय मुक्केबाज अविकास ताराचंद ने श्रीलंका के राष्ट्रीय चैंपियन लासिंदु एरांडा को हराकर लाइटवेट वर्ग का खिताब जीता। भारत के एक अन्य मुक्केबाज और डब्ल्यूबीसी एशियाई महाद्वीपीय चैंपियन सचिन डेकवाल को हालांकि फिलीपींस के मुक्केबाज जूल्स विक्टोरियानो से हार का सामना करना पड़ा।
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FIFA : जर्मनी ने स्पेन से 1-1 से ड्रॉ खेला
कतर। फीफा वर्ल्ड कप फुटबॉल में जर्मनी ने स्पेन के खिलाफ अपना मैच 1-1 से ड्रॉ खेला। अब चार बार के विश्व चैंपियन को लगातार दूसरी बार पहले दौर में बाहर होने से बचने के लिए अपने अंतिम लीग मैच में हर हाल में जीतना होगा। निकलास फुलक्रुग ने रविवार को खेले गए इस मैच में 83वें मिनट में गोल करके जर्मनी को बराबरी दिलाई। इससे पहले अल्वारो मोराटा ने 62वें मिनट में स्पेन को बढ़त दिलाई थी। जर्मनी ने इस मैच में एक अंक लेकर उम्मीदें तो रखीं, लेकिन उसके लिए आगे की राह भी आसान नहीं है। हालांकि, फुलक्रुग ने कहा- हमारे लिए यह अंक हासिल करना महत्वपूर्ण था। हमारे पास निश्चित तौर पर अगले दौर में जाने का मौका है। अब हम अंतिम मैच में अच्छी भावना के साथ उतरेंगे और उम्मीद है कि सब कुछ सही होगा। जर्मनी अपने पहले मैच में जापान से हार गया था और अब उसके भाग्य का फैसला गुरुवार को कोस्टारिका के खिलाफ होने वाले मैच से तय होगा। कोस्टारिका ने अपने दूसरे मैच में जापान को 1-0 से हराया। जर्मनी के लिए आखिरी मैच में जीत ही पर्याप्त नहीं होगी और उसे अन्य मैचों में भी अपने अनुकूल परिणामों के लिए दुआ करनी होगी।