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Indore News : इंदौर का भूमाफिया दीपक मद्दा मथुरा से गिरफ्तार, अपर मुख्य सचिव का फर्जी आदेश बनाकर पुलिस को किया था गुमराह

इंदौर। मध्य प्रदेश पुलिस की इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने बुधवार रात कुख्यात भूमाफिया दीपक जैन उर्फ दिलीप सिसोदिया उर्फ दीपक मद्दा को मथुरा के वृंदावन से गिरफ्तार किया। हालांकि अधिकारियों ने दीपक जैन की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की गई है। आरोपित ने अपर मुख्य सचिव (गृह) डॉ. राजेश राजौरा के फर्जी हस्ताक्षर से रासुका निरस्ती का पत्र बनाकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी।

दीपक मद्दा का इंदौर के कई भू-माफियाओं के साथ संबंध है। दीपक ने कई सालों पहले गृह निर्माण संस्था के जमीन के फर्जीवाड़े और उनके नाम बदलकर करोड़ रुपए कमाए थे। जिसके बाद वर्ष 2010 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा चलाए गए अभियान में दीपक सहित इंदौर के कई माफियाओं पर कार्रवाई की गई। पुलिस काफी समय से दीपक की तलाश कर रही थी।

चाय पत्ती बेचने वाला बन गया भू-माफियाओं का सरदार

15 साल पहले रतलाम से इंदौर आकर दीपक ने चाय पत्ती बेचने का काम शुरू किया था। राजवाड़ा के पास राजमोहल्ला पर उसने चाय पत्ती की दुकान खोली थी। जहां पर उसने मामूली ब्रोकर के रूप में जमीन के कारोबार में प्रवेश किया। कुछ सालों में वह भू-माफियाओं का सरदार बन गया। उसने 1 दर्जन से अधिक गृह निर्माण संस्थाओं की जमीन अपने नाम करवा ली। कुछ समय बाद पत्नी के नाम पर कंस्ट्रक्शन फर्म शुरू की।

साल 2009 में सामने आया मामला

वर्ष 2009 में जब गृह निर्माण संस्थाओं द्वारा फर्जीवाड़ा माफियाओं के खिलाफ इंदौर सहित प्रदेश में कार्रवाई शुरू हुई। उस समय दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा फरार हो गया। इंदौर में जब सोसाइटीयों के फर्जीवाड़े निकाले गए तो उसमें इंदौर के हरियाणा, देवी अहिल्या, कष्ट निवारण श्री राम, जय हिंद पुष्प, विहार नागौरी से लेकर तमाम गृह निर्माण संस्थाओं में दीपक जैन मुख्य सरगना निकला।

लूटी जमीन दान देकर बना समाजसेवी

दीपक मदान उर्फ दीपक जैन इतना शातिर था कि लूट की जमीन को दान में देकर फर्जी समाजसेवी भी बनने की कोशिश करता रहा। दीपक ने अपनी पत्नी समता जैन के साथ मोहनखेड़ा में जैन संत ऋषभ विजय महाराज को लगभग 30 हजार स्क्वायर फीट जमीन दान दे दी थी। दीपक ने अवैध तरीके से यह जमीन संस्था से हड़प कर दान की और समाजसेवियों में अपना नाम दर्ज करवा लिया। पुलिस को जब जमीन की जानकारी लगी तो इस जमीन की कीमत 20 करोड़ के लगभग की निकली थी। जिसके बाद पुलिस ने दीपक का नाम भू-माफियाओं में शामिल किया था। दीपक ने कई जमीन अपनी पत्नी के नाम क्षमता कंस्ट्रक्शन नाम की फर्म से ट्रांसफर की थीं। पुलिस जांच में वे सभी अवैध पाई गईं।

दीपक का साला गुजरात से गिरफ्तार

दीपक ने अपने परिवार के कई लोगों को इस भूमाफिया गिरोह में शामिल कर लिया था। दीपक जैन ने अपने साले दीपक बोहरा को भी इस गिरोह में शामिल किया था। साल 2021 में गुजरात के एक जैन मंदिर से दीपक बोहरा को गिरफ्तार किया गया था।

फर्जी हस्ताक्षर कर पुलिस को किया गुमराह

भूमाफिया अभियान के तहत फरवरी 2021 में प्रशासन ने उस पर 6 प्रकरण दर्ज करवाए थे और फिर उसपर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाया गया था। ज्यादातर मामलों में उसने कोर्ट से जमानत और गिरफ्तारी पर स्टे ले रखा था। रासुका के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है।

बता दें कि, खजराना थाने में गृह विभाग के एससीएस डॉ. राजेश राजौरा के फर्जी हस्ताक्षर से उसने एक पत्र सौंपा था। उसमें लिखा था कि रासुका निरस्त की जाती है। इंदौर पुलिस ने जब गृह विभाग से पत्र क्रमांक 3525/825/2022 की जानकारी मांगी तो पता चला कि ऐसा कोई पत्र जारी ही नहीं हुआ। इसके बाद इंदौर की खजराना पुलिस ने उस पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज बनाने और अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था।

(इनपुट – हेमंत नागले)

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