
हेमंत नागले, इंदौर। कलेक्ट्रेट में करोड़ों का घोटाला करने वाले बाबू मिलाप चौहान को रावजी बाजार पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जिला कोर्ट के 55 नंबर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। जहां पुलिस द्वारा आरोपी की 4 दिन की रिमांड की मांगी गई।
जुर्म छुपा रहा है कलेक्टर का बाबू
कलेक्टर में करोड़ों का घपला करने वाले मिलाप चौहान को रावजी बाजार पुलिस ने गिरफ्तार करने के बाद जिला कोर्ट के 55 नंबर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां पर मीडिया से चर्चा करते हुए मिलाप ने यह कहा कि मैंने यह रुपया अपने दोस्तों की मदद के लिए दिया है। मैंने यह रुपया पार्टी और घूमने फिरने के लिए खर्चा किया है, लेकिन अय्याशी में नहीं किया। मैंने मुंबई की होटलों पर यह खर्चा किया है। लेकिन, मैंने किसी प्रकार की अय्याशी नहीं की, मैं क्लबों में जाता था। मैं गोवा भी दो बार जा चुका हूं। यह सभी आरोप मिलाप ने कबूल किए हैं। अपने दोनों साथियों के खातों में भी मिला अपने रुपए ट्रांसफर किए हैं। यह भी उसने बात मीडिया के सामने कबूल की है। एक करोड़ 95 लाख ट्रांसफर किए, जिसमें से 2 करोड़ रुपए मेरे है।
#इंदौर : मैंने रुपए अपने दोस्तों की मदद के लिए दिए हैं, कहीं #अय्याशी नहीं की है। लड़कियों पर नहीं #दारू_पार्टी पर पैसा खर्च किया है। #गिरफ्तार होने के बाद अपने #जुर्म छुपा रहा है कलेक्ट्रेट का बाबू #मिलाप_चौहान। #PeoplesUpdate #MilapChauhan #IndorePolice pic.twitter.com/H1PaCCGswQ
— Peoples Samachar (@psamachar1) March 24, 2023
रुपयों की रिकवरी करेगी पुलिस
जांच आधिकारी ने बताया कि रावजी बाजार पुलिस द्वारा आरोपी मिला चौहान को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जहां पर 4 दिन का पुलिस रिमांड मांगा है। वहीं पुलिस द्वारा कलेक्टर का जितना भी रुपया मिला चौहान ने अन्य खातों में ट्रांसफर किया था, उसके रिकवरी पुलिस जल्द करेंगी। वही 29 आरोपियों के खिलाफ देर रात पुलिस ने मामला दर्ज किया था।
#इंदौर : कलेक्ट्रेट में करोड़ों का #घोटाला करने वाले बाबू #मिलाप_चौहान को रावजी बाजार #पुलिस द्वारा #गिरफ्तार कर जिला #न्यायालय के क्रमांक 55 में पेश किया गया।#PeoplesUpdate #IndorePolice #IndoreCollectorate#scam pic.twitter.com/yqnVhsCDve
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29 लोगों पर एफआईआर दर्ज
गुरुवार को जिला प्रशासन ने गुरुवार को मिलाप के साथ ही 29 लोगों के खिलाफ इस ममाले में एफआईआर दर्ज कराई है। इनमें मिलाप चौहान के अलावा एक अन्य बाबू रणजीत करोडे और चपरासी अमित निंबालकर का नाम भी शामिल है। इन सभी के खिलाफ धारा 120 बी, 420 ,467 468 व धारा 409 में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। घोटाले के मामले में वर्ष 2020 से वर्ष 2023 तक सभी ट्रांजैक्शन मिलाप चौहान व उनके इन साथियों द्वारा किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक मिलाप और उसके साथी मिलकर किसानों के फसल नुकसानी जैसे मुआवजे की रकम तक अपने खातों में ट्रांसफर करवा लेते थे।
गुरुवार रात दिया आवेदन
थाना प्रभारी प्रीतम ठाकुर व एसीपी विशेष अग्रवाल ने बताया कि इंदौर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों ने रावजी बाजार थाने पर गुरुवार रात आकर 5.65 करोड़ के फर्जीवाड़े को लेकर शिकायती आवेदन दिया। इसमें 3 नामजद आरोपियों के साथ अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इस मामले में अकेले मिलाप चौहान ने 3.67 करोड़ की राशि अपने खाते में ली है, जबकि उसने अपनी महिला दोस्त के खाते में 1.55 करोड़ की राशि भेजी थी। इसके अलावा रंजीत करोडे के पास 55 लाख की राशि ट्रांसफर की गई थी। कुल 33 खातों में यह राशि अलग-अलग मदों में ट्रांसफर की गई थी।
बन सकती है लंबी चेन
बताया जा रहा है कि आरोपी मिलाप चौहान ने अपने इन दोनों दोस्तों के साथ उनके अन्य दो दोस्त और उनके पतियों के नाम के खातों में भी रुपए डालकर फिर उनसे वापस ले लिए थे। यानी, यह चेन काफी लंबी बन सकती है। इसलिए पुलिस ने 29 को नामजद करते हुए अन्य के खिलाफ भी मुकदमा कायम किया है। जांच में इनके नाम सामने आ सकते हैं।
महू में मिलाप का डेढ़ करोड़ का फॉर्म हाउस
मिलाप चौहान का महू में फार्महाउस है। इसकी कीमत लगभग डेढ़ करोड रुपए बताई जा रही है। चर्चा है कि यहां पर अनैतिक कार्य किए जाते थे। कुछ समय पहले यह जानकारी कलेक्ट्रेट से ही सामने आई थी। पीपुल्स अपडेट डॉट कॉम ने पहले ही बताया था कि कलेक्टर इस मामले में FIR दर्ज करवा सकते हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
जानकारी के अनुसार, लेखा विभाग के अधिकारी कुछ दिन पहले ही शाखा का निरीक्षण करने आए थे। इस दौरान जिला कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ मिलाप चौहान ने मनीषा बाई और एक्सट्रीम सॉल्यूशन वेंडर के रूप में स्वयं का खाता दिखा दिया। कार्यालय से होने वाले भुगतान इन दोनों खातों में हो गए।
इंदौर कलेक्टर ने बताया कि 3 वर्षों में धीरे-धीरे लेखापाल ने एक करोड़ रुपए अपनी पत्नी के खाते में डलवा दिए। इस मामले में बाबू को सस्पेंड करने के बाद इंदौर कलेक्टर एफआईआर भी दर्ज करवा सकते हैं। वर्ष 2020 से लेखापाल द्वारा यह गड़बड़ी की जा रही थी, लेकिन इस दौरान किसी ने नहीं पकड़ी। औचक निरीक्षण में पूरे मामले का खुलासा हुआ।