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समंदर में फिर दिखा भारत का दमखम : भारतीय नौसेना ने ईरानी जहाज को समुद्री लुटेरों से बचाया, 23 पाकिस्तानियों का किया रेस्क्यू; 9 लुटेरों का सरेंडर

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने एक बार फिर समुद्र में अपनी वीरता का परचम लहराया है। भारतीय नौसेना के वॉरशिप INS सुमेधा ने ईरानी फिशिंग वेसल अल-कंबर से 23 पाकिस्तानी नागरिकों को सोमालिया के समुद्री लुटेरों से रेस्क्यू किया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 9 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर कर दिया। इससे पहले भी भारतीय नौसेना ने इसी महिने में 17 लोगों का रेस्क्यू किया था, जिसके बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर कर दिया था।

2 युद्धपोतों ने किया ऑपरेशन

नेवी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि, शुक्रवार यानी 29 मार्च की शाम को उनकी टीम को हिंद महासागर में अदन की खाड़ी के पास जहाज के हाईजैक होने की सूचना मिली थी। जहाज में सोमालिया के 9 समुद्री लुटेरे सवार थे। यह जहाज यमन के सोकोट्रा द्वीप से साउथ-वेस्ट में करीब 166 किमी की दूरी पर था। हाइजैक की जानकारी मिलते ही भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत INS सुमेधा को पहले ईरानी जहाज को रोकने के लिए रवाना किया।

12 घंटे चला ऑपरेशन

इसके बाद दूसरे युद्धपोत INS त्रिशूल की मदद से नेवी ने जहाज को लुटेरों से 23 पाकिस्तानियों का रेस्क्यू किया। नौसेना की टीम ने करीब 12 घंटे तक ऑपरेशन चलाया। फिलहाल जहाज की जांच की जा रही है। इसके बाद जहाज को सुरक्षित जगह ले जाया जाएगा।

भारतीय नौसेना चला रही महत्वपूर्ण अभियान

बता दें कि पिछले साल अक्टूबर में इजरायल-हमास जंग शुरू होने के बाद से अरब सागर में सोमालिया के लुटेरों की तरफ से जहाज को हाईजैक करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिसको लेकर भारतीय नौसेना एक्शन मोड में है। इस पर काबू पाने के लिए नौसेना ने अरब सागर में युद्धपोतों की तैनाती बढ़ा दी है। सशस्त्र समुद्री डाकुओं से बचाने के लिए भारतीय नौसेना एक “महत्वपूर्ण अभियान” चला रही है।

2800 किलोमीटर दूर चलाया था रेस्क्यू ऑपरेशन

बता दें इससे पहले नौसेना ने कोलकाता में 17 मार्च को पिछले साल 14 दिसंबर को कब्जे में किए गए पूर्व-एमवी रुएन से चालक दल के 17 सदस्यों को सफलतापूर्वक बचाया था। इसी के साथ 3 महीने बाद जहाज MV रुएन को बचाने का ऑपरेशन पूरा किया था। इंडियन नेवी का 40 घंटे का ऑपरेशन शाम को खत्म हुआ और चालक दल के सभी सदस्यों को बिना किसी चोट के बचा लिया। कार्रवाई के बाद 35 समुद्री लुटेरों ने सरेंडर किया था।

ऑपरेशन भारत के समुद्री तट से 2800 किलोमीटर दूर चला था। बता दें कि जहाज का क्रू 110 से ज्यादा दिनों से लूटेरों के कब्जे में था। रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा करने के लिए युद्धपोत INS सुभद्रा, ज्यादा ऊंचाई तक उड़ने वाले ड्रोन, P8I पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल किया गया।

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