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उज्बेकिस्तान में 21 लोगों को 20 साल की जेल, इंडियन कफ सिरप पीने से 68 बच्चों की हुई थी मौत; सजा पाने वालों में भारतीय कारोबारी राघवेंद्र का नाम भी शामिल

केंद्र ने सिरप बनाने वाली कंपनी का लाइसेंस कर दिया था रद्द

इंटरनेशनल डेस्क। उज्बेकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन कफ सिरप पीने से 68 बच्चों की हुई मौत मामले में 21 लोगों को जेल की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार, सभी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। इसमें भारतीय बिजनेसमैन राघवेंद्र प्रताप का नाम भी शामिल हैं। बता दें कि उज्बेकिस्तान में 2022 में इंडियन जहरीले कफ सिरप पीने से 68 बच्चों की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ही यह मामला वहां के कोर्ट में चल रहा था जिस पर सोमवार को फैसला आया।

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राघवेंद्र पर कई धाराओं में केस दर्ज था

बच्चों के परिवारों की शिकायत पर उज्बेकिस्तान में केस दर्ज कर कोर्ट में चार्जशीट दायर की गई थी। इसमें डॉक-1 मैक्स सिरप बेचने वाली कंपनी के डायरेक्टर राघवेंद्र प्रताप भी आरोपी थे। प्रताप पर चोरी, घटिया या नकली दवाओं की बिक्री, पद का दुरुपयोग, लापरवाही, धोखाधड़ी समेत अन्य संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।

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मृत बच्चों के परिवार को मिलेगा मुआवजा

कोर्ट ने अपने फैसले में बताया कि सिरप पीने से मरने वाले 68 बच्चों में से प्रत्येक के परिवार को 80,000 डॉलर का मुआवजा दिया जाएगा। इसी के साथ सिरप के कारण दिव्यांग हुए चार बच्चों को भी मुआवजा दिया जाएगा। दवा से प्रभावित आठ अन्य बच्चों के माता-पिता को भी 16,000 डॉलर से 40,000 डॉलर तक मुआवजा देने का आदेश कोर्ट ने दिए हैं।

2022 में हुई थी 68 बच्चों की मौत

घटना साल 2022 की है। उज्बेकिस्तान में 86 बच्चों के बीमार पड़ने पर ये मामला सामने आया था कि इनको जो कफ सिरप दिया गया, वो जहरीला है। जिसके सेवन से 68 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके बाद कफ सिरप की जांच की गई और उसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल मिले होने की बात सामने आई थी। उज्बेकिस्तान में इसको लेकर मामला दर्ज किया गया था और कोर्ट में ये केस चला। कोर्ट ने पाया कि कफ सिरप से ही बच्चों की मौत हुई।

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WHO ने सिरप को लेकर किया था अलर्ट जारी

जनवरी 2023 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने कप सीरप को लेकर अलर्ट जारी किया था। जारी रिपोर्ट में WHO ने कहा था, भारत के मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो खांसी के सिरप बच्चों को नहीं पिलाया जाना चाहिए। सिरप के नाम एम्बर नॉल सिरप और डीओके-1 मैक्स हैं। इन दोनों सिरप को नोएडा स्थित कंपनी मैरियन बायोटेक बनाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जांच में पाया गया है कि दोनों सिरप अच्छी क्वालिटी के नहीं हैं। इनमें डायथिलीन ग्लाइकोल या एथिलीन ग्लाइकोल की सही मात्रा शामिल नहीं है।

मैरियन बायोटेक के प्रोडक्शन का लाइसेंस कैंसिल

मामला सामने आने के बाद भारत सरकार ने मार्च 2023 में कफ सिरप बनाने वाली कंपनी मैरियन बायोटेक का प्रोडक्शन लाइसेंस को बैन कर दिया था।

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