राष्ट्रीय

जोशीमठ में भूस्खलन जैसी स्थिति से निपटने NDRF ने बनाया स्पेशल प्लान, ऊपरी इलाकों में तैनात होगी ये टीम

नई दिल्ली। हिमस्खलन, भूस्खलन और हिमनद झील के फटने से बाढ़ आदि के दौरान उपजने वाली स्थितियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) हिमालय के ऊपर इलाकों में विशेष पर्वतारोहण टीम की स्थायी तौर पर तैनाती की तैयारी कर रहा है। यह योजना इसलिए बनाई गई है ताकि आपदा की स्थिति में बचाव कार्य तेजी से शुरू किए जा सकें।

बाढ़, बादल फटने की घटनाओं में मिलेगी मदद

हाल ही में एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने यह जानकारी दी थी। 19 जनवरी को एनडीआरएफ के 18वें स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा था कि पर्वतीय क्षेत्रों में आपदाओं से निपटने के लिए कई कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं के होने का खतरा गंभीर होता जा रहा है। वे ‘पहाड़ों में आपदा प्रतिक्रिया’ पर बात कर रहे थे। उत्तराखंड में 2013 में अचानक आई भीषण बाढ़, फरवरी, 2021 में चमोली में हिमनद झील के फटने से आई बाढ़ और अब जोशीमठ के साथ ही आसपास के इलाकों में जमीन धंसने की घटनाओं पर उन्होंने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की आपदाएं अब पहले से और अधिक विकराल होती जा रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ को इन चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा।

ऊपरी इलाकों में रहने से होगा ये फायदा

करवाल ने बताया कि पर्वतीय बचाव कौशल और क्षमताएं न केवल उत्तर के पहाड़ी इलाकों में, बल्कि अन्य जगहों पर भी हमारी मदद करेंगी। इससे हमें पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली किसी भी आपदा के मामले में तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने में सहायत मिलेगी। उन्होंने कहा कि चूंकि, हमारी टीमें पहले से ही ऊपरी इलाकों में होंगीी, इसलिए वे वहां रहने की अभ्यस्त हो जाएंगी।

किस सीमा पर कौन सा बल

चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की निगरानी भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) करता है और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) एवं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) नेपाल, भूटान और पाकिस्तान की सीमाओं की रक्षा करते हैं।

यह भी पढ़ें सुप्रीम कोर्ट का जोशीमठ संकट पर सुनवाई से इनकार, कहा- याचिकाकर्ता अपनी बात उत्तराखंड HC में रखें

संबंधित खबरें...

Back to top button