भोपालमध्य प्रदेश

CM Shivraj का बड़ा एलान : भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम होगा लागू, पावरफुल होगी पुलिस

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को राजधानी भोपाल और इंदौर शहर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का एलान कर दिया है। प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक वारदातों के बीच सरकार ने पुलिस को मजिस्ट्रियल पावर देने का मन बना लिया है। सीएम शिवराज ने कहा कि शहर की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और सीमाओं का भी विस्तार हो रहा है। ऐसे में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है। अब पुलिस को लाठीचार्ज और धारा 144 लागू करने के लिए कलेक्टर के आदेश का इंतजार नहीं करना होगा।

अपराध से निपटने के लिए पुलिस को मिलेगी बेहतर सुविधा-CM

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। पुलिस अच्छा काम कर रही है। पुलिस और प्रशासन ने मिलकर कई उपलब्धियां हासिल की हैं। लेकिन शहरी जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। भौगोलिक दृष्टि से भी महानगरों का विस्तार हो रहा है और जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है। इसी के चलते कानून और व्यवस्था के लिए नई चुनौतियां सामने आई हैं। इन मुश्किलों के समाधान और अपराधियों पर नियंत्रण के लिए हमने ये फैसला किया है कि प्रदेश के 2 बड़े महानगरों में राजधानी भोपाल और स्वच्छ शहर इंदौर में हम पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू किया जाए। इससे पुलिस को अपराध से निपटने में पहले से बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।

अप्रैल से लागू हो सकता है नया सिस्टम

मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों ने बताया कि दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम अगले साल अप्रैल माह से लागू होने की संभावना है। इससे पहले सीएम ने विधानसभा में चार साल पहले ये घोषणा की थी। लेकिन IAS अफसरों के विरोध के बाद ये प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई थी।

दोनों शहरों की आबादी बढ़ रही- गृहमंत्री

गृहमंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दोनों शहरों की आबादी बढ़ रही है। कानून व्यवस्था सुचारू रूप से जारी रखने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस सिस्टम से साइबर क्राइम को रोकने में मदद भी मिलेगी। सरकार स्तर पर ये कवायद पिछले 10 साल से चल रही है। लेकिन IAS लॉबी इसका लगातार विरोध करती आई है।

लॉ एंड ऑर्डर और इन्वेस्टिगेशन विंग अलग

राजधानी पुलिस ने लॉ एंड ऑर्डर और इन्वेस्टिगेशन विंग अलग-अलग बनाने का प्रयोग भी किया। ये प्रयोग सबसे पहले हबीबगंज थाने में किया गया। हालांकि वक्त के साथ-साथ ये भी फाइलों में बंद होकर रह गया।

पुलिस को मिलेंगे मजिस्ट्रियल पावर

  • प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के मामलों में मजिस्ट्रेट के अधिकार DCP और ACP के पास आ जाएंगे।
  • सरकार जरूरत के हिसाब से DCP पदस्थ करेगी, जो एसपी रैंक के होंगे।
  • आर्म्स, आबकारी और बिल्डिंग परमिशन की NOC देने जैसे अधिकार भी पुलिस के पास होंगे।
  • कमिश्नर प्रणाली लागू करने की जद्दोजहद प्रदेश में बीते 10-12 सालों से चल रही है।
  • इस बीच ओडिशा, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दी गई।

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