भोपालमध्य प्रदेश

MP स्थापना दिवस: 66 साल का हुआ मध्य प्रदेश, इस वजह से भोपाल बनी राजधानी

भोपाल। देश का दिल कहे जाना वाला मध्यप्रदेश एक नवंबर यानी आज अपना 66वां स्थापना दिवस मना रहा है। मध्य प्रदेश, एक ऐसा राज्य जो अपनी अनोखी कला-संस्कृति और विविधताओं के लिए देशभर में एक अलग पहचान रखता है। इतिहास में कई साम्राज्यों के बनने बिगड़ने की महत्वपूर्ण कहानी यह राज्य बयां करता है। यह राज्य गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जानी जाती रही है। यह राज्य खेती के लिए जाना जाता है। यह राज्य धार्मिक संगम के लिए जाना जाता है। आज ही के दिन मध्य प्रदेश देश के पटल पर स्थापित हुआ था। तो आइए इसके इतिहास के साथ ही इस राज्य से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में भी आपको बताते हैं।

1 नवंबर 1956 को गठन

आज से 66 साल पहले मध्य प्रदेश का गठन हुआ था। देश के कुछ हिस्सों को छोड़ कर सभी जगह 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था। देशभर में साल 1951-1952 में आम चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो गई थी। 1956 में राज्यों के पुर्नगठन का सिलसिला चल रहा था। जिसके लिए राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया गया। आयोग के सामने तमाम तथ्य और सिफारिशों को रखने के लिए पंडित रविशंकर शुक्ल के नेतृत्व में बैठक की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, विंध्य प्रदेश और भोपाल के आसपास के हिस्सों को जोड़कर एक ऐसा प्रदेश बनाया जाए, जो उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य की तरह हो।

1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर पं रविशंकर शुक्ल का पहला भाषण लाल परेड ग्राउंड पर हुआ था।

जिसके बाद एक नवंबर 1956 में मध्यप्रदेश का गठन किया गया। तभी से यह दिन प्रदेश के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। नक्शे के बीच में होने से इसे मध्य भारत के नाम से जाना जाता था, इसका गठन इसके भाषा के आधार पर किया गया था। इसके घटक राज्य मध्यप्रदेश, मध्यभारत, विन्ध्य प्रदेश और भोपाल थे, जिनकी अपनी-अपनी विधानसभाएं थीं। इस राज्य का निर्माण तत्कालीन सीपी एंड बरार, मध्य भारत, विंध्य प्रदेश और भोपाल राज्य को मिलाकर हुआ।

1972 में भोपाल बनी राजधानी

जब राज्य का गठन हुआ तो राजधानी की रेस में भोपाल (bhopal), जबलपुर (jabalpur), इंदौर (indore), और ग्वालियर (gwaliar) सभी अपनी दावेदारी पेश कर रहे थे। जबलपुर में उस समय हाईकोर्ट की स्थापना भी कर दी गई थी, पर कई दिक्कतों की वजह से भोपाल को राजधानी बनाया गया। उस समय भोपाल में भवनों की संख्या जबलपुर से ज्यादा थी इसलिए भी यह पहली पसंद बन गया। जिस तरह मध्यप्रदेश देश के बीचों बीच स्थित है उसी तरह भोपाल भी मध्यप्रदेश के मध्य स्थित है। यहां ज्यादा बारिश होने के बाद बाढ़ जैसे हालात नहीं आते थे वहीं अन्य राज्यों में यह दिक्कत देखने को मिलती रहती थी। साथ ही यहां न ज्यादा गर्मी और ना ही ज्यादा सर्दी होती थी। अब भोपाल राजधानी भले बन गया था लेकिन यह जिला नहीं था। भोपाल पहले सीहोर जिले में आता था। जिसके बाद 1972 में इसे जिले का दर्जा दिया गया। गठन के समय मध्य प्रदेश में कुल 43 जिले बनाए गए थे जिनकी संख्या अभी 52 हो गई है।

मध्यप्रदेश के प्रथम राज्यपाल डॉ. पट्टाभि सीतारमैया 1 नवंबर 1956 को लाल परेड ग्राउंड पर सलामी लेते हुए।

मध्यप्रदेश के और कितने नाम

मध्यप्रदेश की सीमाएं भारत के 5 राज्यों से होकर गुजरती है। इसके उत्तर में उत्तर प्रदेश (uttar pradesh), पूर्व में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और पश्चिम में राजस्थान (Rajasthan) और गुजरात (Gujarat), दक्षिण में महाराष्ट्र (Maharashtra) है। 2000 में छत्तीसगढ़ के अस्तित्व में आने से पहले तक मध्यप्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य था। 30% से अधिक भू-भाग पर जंगल है। वर्तमान में मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें और 29 लोकसभा सीटें हैं। मध्यप्रदेश को अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। भारत के हृदय में स्थित होने की वजह से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने इसे हृदय प्रदेश का नाम दिया। इसके अलावा इसे सोया स्टेट, टाइगर स्टेट, नदियों का मायका जैसे कई नामों से भी जाना जाता है।

पुराना भोपाल

5 भागों में है मध्य प्रदेश

वर्तमान मध्य प्रदेश को 6 भागों में बांटा जाता है, जिनमें ग्वालियर-चंबल, महाकौशल, बुंदेलखंड, विंध्य और मालवा-निमाड़ शामिल है। यहां अलग-अलग जीवन शैली, बोलियां, खानपान और पहचान है। मालवा में मालवीय निमाड़ में निमाड़ी, बुंदेलखंड में बुंदेली, बघेलखंड में बघेली बोलियां आज भी यहां के आत्मीय संवाद का हिस्सा है। यही नहीं इन तमाम इलाकों की कृषि, पुरातात्विक संपदा और भौगोलिक स्वरूप का यहां के रहवासियों पर प्रभाव रहता है। मध्य प्रदेश में आपको मराठी, गुजराती, यूपी और राजस्थान का रंग भी देखने को मिल जाएगा।

नया भोपाल

मध्यप्रदेश का क्षेत्रफल कितना है

देश के मध्य में स्थित इस राज्य का कुल क्षेत्रफल 3,08,252 वर्ग किलोमीटर है। यह राज्य भारत देश का क्षेत्रफल के आधार पर दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि राजस्थान देश का क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है। चूंकि अंतिम जनगणना 2011 में हुई थी, उस वक्त इस राज्य की जनसंख्या 7,25,97,565 थी। लेकिन हाल के आंकड़ो की माने तो 2021 में मध्यप्रदेश की जनसंख्या 8,45,26,795 है। जनसंख्या के आधार पर भी इस राज्य का देश मे पांचवा स्थान है।

पीएम और सीएम ने दी बधाई

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