
नेशनल डेस्क। UP के हाथरस में आयोजित सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और कई गंभीर रूप से हैं। यह भारत में मंदिरों एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के दौरान भगदड़ से होने वाली मौतों की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी देश में कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 1200 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें से प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं…

मंधार देवी और चामुंडा मंदिर में 590 की मौत
2005 में महाराष्ट्र के मंधार देवी मंदिर में भगदड़ मच गई थी। इस घटना में 340 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। यह दुर्घटना तब हुई जब कुछ लोग फिसलन भरी सीढ़ियों पर गिर गए और लोग उन्हे कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे। इसी तरह 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर हुई भगदड़ में कम से कम 250 लोगों की मौत हुई थी। यह घटना मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण हुआ था।

31 मार्च 2023 को इंदौर बावड़ी हादसा
इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी के अवसर पर आयोजित हवन कार्यक्रम के दौरान एक प्राचीन बावड़ी पर बनी एक कंक्रीट स्लैब ढह गई थी। इसमें कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई थी।

एक जनवरी 2022 का वैष्णो देवी हादसा
जम्मू-कश्मीर के विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 2022 को साल के पहले दिन ही कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक घायल हो गए थे। ये सभी लोग नए साल के पहले दिन मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए पहुंचे थे।

14 जुलाई 2015 का पुष्करम हादसा
आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी जिले में पुष्करम् नाम के धार्मिक आयोजन के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर भगदड़ मची थी। इस प्रमुख स्नान स्थल पर हुए हादसे में 27 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई थी और 20 अन्य घायल हुए थे।

3 अक्टूबर 2014 पटना का दशहरा हादसा
पटना में 2014 में दशहरा समारोह समाप्त होने के तुरंत बाद गांधी मैदान में भगदड़ मचने से 32 लोगों की मौत हो गई थी और 26 अन्य घायल हो गए थे।

13 अक्टूबर 2013 का रतनगढ़ हादसा
मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित मां भवानी के प्रसिद्ध धाम रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि उत्सव के दौरान मची भगदड़ में 115 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। भगदड़ की शुरुआत नदी का पुल टूटने की अफवाह से हुई जिसे श्रद्धालु पार कर रहे थे।
19 नवंबर 2012 का गंगा नदी छठ हादसा
पटना में गंगा नदी के तट पर स्थित अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल ढह गया था। इस घटना में मची भगदड़ के कारण लगभग 20 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
8 नवंबर 2011 हर की पौड़ी हादसा
उत्तराखंड के हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर स्थित हर की पौड़ी घाट पर भी भगदड़ मची थी। इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी।
14 जनवरी 2011 का सबरीमाला हादसा
केरल के इडुक्की जिले के पुलमेदु में एक जीप सबरीमाला मंदिर के दर्शन कर लौट रहे तीर्थयात्रियों से टकरा गई थी। इसके बाद एकाएक वहां मची भगदड़ में कम से कम 104 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 40 से अधिक घायल हो गए थे।
चार मार्च 2010 का राम जानकी मंदिर हादसा
यह घटना उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर की थी। यहां भगदड़ मचने से 63 लोगों की मौत हो गई थी। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु एक स्वयंभू धर्मगुरु द्वारा दान किए जा रहे कपड़े और भोजन लेने पहुंच गए थे।
तीन अगस्त 2008 का नैना देवी हादसा
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह के कारण भगदड़ मच गई थी। इसमें 162 लोगों की मौत हो गई थी और 47 घायल हुए थे।
27 अगस्त 2003 का नासिक सिंहस्थ हादसा
महाराष्ट्र के नासिक जिले में इस दिन सिंहस्थ कुंभ मेले में पवित्र स्नान के दौरान भगदड़ मच गई थी। इसमें 39 लोग मारे गए थे और लगभग 140 घायल हो गए थे।
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