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सरकारी खजाना भरने वाले आयकर कर्मचारियों को नहीं मिला दिवाली बोनस

छापामार विंग के इंस्पेक्टर्स और एमटीएस स्टाफ के कर्मचारी मायूस

राजीव सोनी-भोपाल। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ सहित देश भर में इनकम टैक्स की वसूली कर सरकार का खजाना भरने वाले निचले कर्मचारियों को इस बार दिवाली का बोनस अब तक नहीं मिल पाया। इन कर्मचारियों में खासतौर पर छापामार विंग के इंस्पेक्टर्स और एमटीएस स्टाफ भी शामिल है। आयकर विभाग में ग्रुप ‘सी’ कर्मचारियों को बोनस के रूप में 6908 रुपए वितरित किए जाते हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस से पहले यह राशि वेतन मद में जारी होती थी, अभी 2-3 वर्षों से यह ‘रिवार्ड’ मद में आ रही है।

एक माह से इंतजार

मप्र-छग में आयकर विभाग के लगभग दो-ढाई सौ कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है देश के कुछ अन्य राज्यों में भी दिवाली का बोनस नहीं मिला है। दिवाली बीते करीब एक महीना हो गया है लेकिन बोनस नहीं मिलने से कर्मचारियों में मायूसी है।

फेक्ट फाइल…

  • देश के कुल राजस्व संग्रह में डायरेक्ट टैक्स का योगदान पिछले वित्त वर्ष में 19.58 लाख करोड़ रुपए (56.72%) रहा था।
  • यह राशि पिछले 14 वर्षों में सर्वाधिक है।

जल्द बोनस जारी करने का आश्वासन

बताया जाता है कि विभागीय प्रमुख की ओर से भी सीबीडीटी की जानकारी में यह मामला लाया गया है। बोर्ड ने जल्दी ही बोनस जारी किए जाने का आश्वासन दिया है। पुणे (महाराष्ट्र) और बेंगलुरू (कर्नाटक) चार्ज सहित देश के कतिपय अन्य राज्यों में भी इन्वेस्टीगेशन विंग के इस्पेक्टर्स और एमटीएस स्टाफ भी दिवाली पर्व पर बोनस का इंतजार करते रहे। लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

कैसे होती है बोनस राशि की गणना : बोनस राशि की गणना औसत परिलब्धियों को 30.4 से विभाजित करके, फिर उसे 30 दिनों से गुणा करके होती है। लगातार तीन वर्षों तक एक वर्ष में 240 दिन काम करने वाले कर्मचारी भी बोनस के लिए पात्र होते हैं।

सीबीडीटी मेें उठाया मामला

हां, यह सही है कि इस बार ग्रुप ‘सी’ कर्मचारी इंस्पेक्टर्स और एमटीएस स्टाफ को दिवाली का बोनस अब तक नहीं मिला। पहले वेतन के साथ बोनस आता था । यूनियन पदाधिकारियों ने भी सीबीडीटी के सामने मुद्दा उठाया है। – महेंद्र सिंह ठाकुर, महासचिव आयकर कर्मचारी महासंघ मप्र-छग

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