भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बताया झूठ, कहा- जजमेंट में बहुत सारी गलतियां हैं

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2-3 दिसंबर 1984 की दरमियानी रात में हुए गैस कांड में हजारों लोगों की मौत हो गई थी और लाखों की तादाद में लोग इससे बीमार हो गए थे। आज भी कई गैस पीड़ितों के जख्म अब तक भर नहीं पाए हैं। गैस पीड़ितों के लिए अतिरिक्त मुआवजे की मांग करने वाली याचिका को शीर्ष अदालत द्वारा 14 मार्च को खारिज कर दिया गया था। इस संबंध में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन ने गैस पीड़ितों के मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को प्रेस वार्ता की।

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक शाहवर खान ने बताया कि कॉन्फ्रेंस इस मुद्दे पर रखी गई है कि जो 1989 में भारत सरकार से समझौता हुआ था और जो इस पर जजमेंट आया है वो पूरी तरह से झूठ है। कोर्ट ने और सरकार ने माना था कि 5 लाख 74 हजार 376 लोग हैं, इसलिए हमने 5 गुना ज्यादा मुआवजे की मांग की है। जो समझौता किया वो 1 लाख 2 हजार लोगों का किया। जब सर्वे किया गया और लोगों से पूछा गया तो 5 लाख 74 हजार 376 लोग पीड़ित पाए गए। 15 हजार 274 मौतें हुईं, पहले इन्होंने 3 हजार मौतें मानी। जिस पर इन्होंने समझौता किया। जो फैसला आया है वो झूठ की बुनियाद पर आया है।

भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के संयोजक जयप्रकाश ने बताया कि गैस पीड़ितों का 1989 में सेटलमेंट हुआ था 715 करोड़ का। उस समय बोला था कि वो पैसा 1 लाख 5 हजार बांटेंगे। सच में क्या हुआ… उसी पैसे में से गैस पीड़ितों को 5 लाख 70 हजार बांटे गए हैं। सच्चाई क्या है, एक-एक पीड़ित को सिर्फ 52 हजार रुपए मिला। हम सुप्रीम कोर्ट को चुनौती देंगे। सुप्रीम कोर्ट की यह बात बिलकुल गलत है और झूठ है कि गैस पीड़ितों को 6 गुना मुआवजा मिल चुका है। इस जजमेंट में बहुत सारी गलतियां हैं।

केंद्र की याचिका

केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि कोर्ट बहुराष्ट्रीय कंपनी (पूर्व की यूनियन कार्बाइड और अब की डाऊ केमिकल्स) को गैस पीड़ितों को 7844 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा चुकाने का आदेश दे। कोर्ट ने केंद्र की याचिका खारिज करते हुए भोपाल गैस त्रासदी पीड़ितों के मुआवजे में घोर लापरवाही पर फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लंबित दावों को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा RBI के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल किया जाएगा।

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