
इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह के प्रशासन के कर्मचारियों और अधिकारियों पर सख्त एक्शन लेने का सिलसिला जारी है। पहले 5 पटवारियों और 1 रेवेन्यू इंस्पेक्टर के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के बाद अब कलेक्टर आशीष सिंह ने तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों पर सख्ती दिखाई है। कलेक्टर ने रविवार को 8 तहसीलदार और नायब तहसीलदार के कामकाज में गड़बड़ियां मिलने पर सख्त कार्रवाई करते हुए 4 का एक माह का वेतन और 4 अन्य का एक हफ्ते का वेतन राजसात कर लिया है। इन सभी के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
राजस्व कामकाज की समीक्षा के दौरान मिली थीं शिकायतें
कलेक्टर ने आशीष सिंह ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने विभाग का अचानक निरीक्षण किया था। उस दौरान पटवारियों और रेवन्यू इंस्पेक्टर की भूमिका में गड़बड़ियां पाई गई थी। इनमें से 6 को सस्पेंड किया था। जंच के दौरान कलेक्टर को आठ तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के खिलाप भी शिकायतें मिली थीं। इसके बाद इनके कामकाज की प्रारंभिक जांच की गई थी।
जांच के बाद कनाड़िया में पदस्थ तहसीलदार योगेश मेश्राम, जूनी इंदौर में पदस्थ तहसीलदार जगदीश रंधावा, मल्हारगंज में पदस्थ तहसीलदार शैवालसिंह और मल्हारगंज में ही पदस्थ नायब तहसलीदार जितेंद्र वर्मा के कामकाज में गड़बड़ियां मिली। इस पर उनका एक माह का वेतन राजसात के साथ विभागीय जांच शुरू की गई है। इसके साथ ही बेटमा की तहसीलदार तहसीलदार शिखा सोनी, खुड़ैल के नायब तहसलीदार जितेंद्र सोलंकी, सांवेर के नायब तहसीलदार चौखालाल और बेटमा के नायब तहसीलदार धर्मेंद्रसिंह चौहान का एक हफ्ते का वेतन राजसात किया गया है। इसके साथ ही इन सभी को काम में सुधार करने के लिए कड़ी चेतावनी जारी की गई है।
ये भी पढ़ें- इंदौर कलेक्टर ने दिखाए तीखे तेवर, पांच पटवारी और एक आरआई को किया सस्पेंड, लंबे समय से मिल रही थी शिकायत