
अनुज मीणा। लाइट…, कैमरा…, एक्शन…। ये आवाज वर्तमान समय में लगभग हर दिन प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में सुनाई दे रही है। पिछले 4 साल में प्रदेश में 500 से भी अधिक प्रोजेक्ट्स की शूटिंग हो चुकी है। प्रदेश में ऐतिहासिक और जंगल की लोकेशन्स फिल्म मेकर्स की पहली पसंद बनी हुई हैं। पिछले एक साल की बात करें तो प्रदेश में सबसे अधिक प्रोजेक्ट्स की शूटिंग भोपाल की लोकेशन्स पर गई हैं। पिछले एक साल में 43 प्रोजेक्ट्स की शूटिंग हो चुकी हैं।
2020 में नई फिल्म पॉलिसी लागू होने के बाद से ही प्रदेश में लगतार फिल्मों, वेब सीरीज, सीरियल्स सहित अन्य प्रोजेक्ट्स की शूटिंग्स हो रही हैं। इस समय भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सीहोर, छतरपुर जिले के खजुराहो, अशोकनगर जिले के चंदेरी, खरगौन जिले के महेश्वर, ग्वालियर और नर्मदापुरम की विभिन्न लोकेशन्स पर सबसे अधिक प्रोजेक्ट्स की शूटिंग की जा रही हैं।
फिल्म पॉलिसी में बदलाव के लिए तैयार किया जा रहा ड्राफ्ट
बड़े-बड़े प्रोडक्शन हाउसेज का भोपाल में शूटिंग करने के लिए आने की सबसे अहम वजह प्रदेश द्वारा 2020 में लागू की गई फिल्म पॉलिसी है। मध्यप्रदेश फिल्म पॉलिसी 2020 में प्रोडक्शन हाउसों से शूटिंग के लिए कम फीस लेने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके बाद से ही भोपाल, चंदेरी, खजुराहो, उज्जैन सहित प्रदेश में विभिन्न लोकेशंस पर लगातार फिल्मों की शूटिंग्स हो रही हैं। प्रदेश में कई बड़े प्रोडक्शन हाउसों द्वारा कई वेब सीरीज, फिल्म, सीरियल्स की शूटिंग हो चुकी हैं तो वहीं कुछ प्रोजेक्ट्स पर आने वाले समय में शूटिंग होनी है। फिल्म पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मानें तो आगामी दिनों में फिल्म पॉलिसी में बदलाव देखने को मिलेंगे। इसको लेकर ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है, जिसमें फिल्म शूटिंग को लेकर कई सकारात्मक बदलाव किए जाने की उम्मीद है।
फिल्मों की शूटिंग के लिए मप्र को बनाना है सेंट्रल हब
हमारा उद्देश्य प्रदेश में फिल्म निर्माण को फिल्म निर्माताओं के बीच पहली पसंद बनाना और फिल्मों की शूटिंग के लिए मप्र को सेंट्रल हब के रूप में विकसित करना है ताकि प्रदेश के पर्यटन स्थलों को फिल्मों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाई जा सके। फिल्मों में प्रदेश की विभिन्न लोकेशन्स को देखने के बाद पर्यटक भी उन जगहों पर घूमने के लिए जाते हैं, जिससे पर्यटन में बढ़ोतरी होती है। – रामकुमार तिवारी, डिप्टी डायरेक्टर, मप्र फिल्म पर्यटन विभाग
ऐतिहासिक और जंगल की लोकेशन बनी मेकर्स की पसंद
भोपाल और आसपास कई ऐतिहासिक लोकेशन के साथ प्रदेश के जंगल की खूबसूरत लोकेशन हैं। साथ ही भोपाल एयरपोर्ट के साथ रेलवे और सड़क कनेक्टिविटी भी है। वहीं, सीहोर, नर्मदापुरम जिले की सीमा से लगे नर्मदा नदी के घाट और वहां बने मंदिर भी हैं, जो फिल्म मेकर्स को पसंद आ रहे हैं। साथ ही शूटिंग के समय लोग भी फिल्म मेकर्स को परेशान नहीं करते हैं एवं मप्र में शूटिंग का खर्चा भी और राज्यों की अपेक्षाकृत थोड़ा कम होता हैं। – सचिन शर्मा, फाउंडर, एमपी फिल्म्स भोपाल
फिल्म शूटिंग से स्थानीय लोगों को मिलता है रोजगार
मप्र में कई सारी खूबसूरत लोकेशन्स हैं, लेकिन फिल्म मेकर्स की नजर अब इन लोकेशन्स पर पड़ी है। साथ ही सरकार भी फिल्मों की शूटिंग के लिए भी आसानी से परमिशन दे रही है। मेकर्स को परमिशन के लिए भटकना नहीं पड़ता है। इसलिए प्रदेश में लगातार शूटिंग्स हो रही हैं। भोपाल और उसके पास शूटिंग होने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। कई छोटे-छोटे रोल के लिए स्थानीय लोगों को चयन किया जाता है। शूटिंग में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी लोकल स्तर से किराए पर अरेंज की जाती है। – मोहन आजाद, फिल्म डायरेक्टर