खरगोन। लूट के मामले में जेल भेजे गए आरोपी आदिवासी की मौत मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। बिस्टान थाने के एसआई, एक प्रधान आरक्षक और दो आरक्षक समेत जिला जेल अधीक्षक गिरधारी लाल औसारी को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। मंगलवार देर शाम इस संबंध में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पत्रकार वार्ता में ये जानकारी दी।
मिश्रा का कहना था कि खरगोन के बिस्टान थाने में आदिवासी बिशन की मौत बेहद पीड़ादायक है। मध्य प्रदेश में कानून का राज है। इस मामले में जांच के बाद कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्रीजी ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। निष्पक्ष जांच के लिए थाने के एक SI, एक प्रधान आरक्षक, दो आरक्षक समेत जिला जेल अधीक्षक गिरधारी लाल औसारी को निलंबित किया है। कांग्रेस लाशों पर ओछी राजनीति नहीं करे। सरकार ऐसी घटनाओं पर कड़ा एक्शन लेती है।
अतिरिक्त न्यायाधीश जांच करेंगे
दरअसल, आदिवासी युवक की मौत के विरोध में मंगलवार को महिला-पुरुषों ने पुलिस थाने पर पथराव कर दिया था। वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया था। घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। खरगोन से अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचा और लोगों को हटाया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश खरगोन ने न्यायिक जांच के लिए एक वरिष्ठ न्यायाधीश की नियुक्ति की है। घटना में मौत के कारणों की निष्पक्ष जांच जारी है।
निष्पक्ष जांच के लिए थाने के एक SI, एक प्रधान आरक्षक, दो आरक्षक सहित जिला जेल अधीक्षक गिरधारी लाल औसारी को निलंबित किया है।
कांग्रेस लाशों पर ओछी राजनीति नहीं करे। सरकार ऐसी घटनाओं पर कड़ा एक्शन लेती है।2/2
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) September 7, 2021
परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता दी गई
कलेक्टर अनुग्रहा पी. ने परिवार को संबल योजना से तत्काल पांच हजार रुपए की अंत्येष्टि सहायता दी। इसके अलावा रेडक्रॉस से 25 हजार रुपये और विधायक केदार डावर ने विधायक निधि से तत्काल 10 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की है। इसके अलावा राज्य शासन की संबल योजना से परिवार को 2 लाख रुपये की मदद की जाएगी।
ये है मामला
दरअसल, 24 अगस्त की रात पाल मार्ग में झगड़ी घाट पर बदमाशों ने ट्रक और बाइक सवारों से लूटपाट की थी। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले में भगवानपुरा ब्लॉक के खेरकुंडी निवासी 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। जेल में आरोपी 35 वर्षीय बिसन पुत्र हाबु की तबीयत खराब हो गई। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में आदिवासी महिला-पुरुषों ने उत्पात मचाया। घटना में पुलिसकर्मी सावन चौहान, दीपक यादव व ओम बनवारी घायल हुए हैं।