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चुनावी प्रबंधन में भाजपा को बढ़त, बागी और असंतुष्टों को साधने की कवायद

हाईकमान ने दूसरे राज्यों के बड़े नेताओं को सौंपी अहम जवाबदारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी रणनीति, प्रबंधन, मैदानी तैयारी और 39 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर भाजपा ने फौरी तौर पर अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त बना ली। आशीर्वाद यात्राओं से चुनावी सरगर्मी बढ़ाकर अपनी मैदानी टीम को सक्रिय भी कर दिया। इस बार असंतुष्ट भाजपाइयों को पार्टी में रोके रखने के लिए मान-मनौवल के मोर्चे पर संगठन की कवायद चल रही है, लेकिन कई बड़े नेता रुक नहीं पाए। पूर्व में चुनावों के पहले बागियों की काउंसिलिंग और डैमेज कंट्रोल के लिए वरिष्ठ नेताओं की टीम मोर्चा संभालती रही है पर इस बार ऐसा नहीं है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का इस मुद्दे पर कहना है कि कुछ स्वार्थी लोग ही छोड़कर जा रहे हैं। इसके विपरीत पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री रामपाल कह रहे हैं कि हम अपने लोगों को जासूस बनाकर कांग्रेस में भेज रहे हैं। हालांकि पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी कह चुके हैं -‘जब कुछ लोगों की दलीय विचारधारा पर उनकी निजी महत्वाकांक्षाएं हावी हो जाती हैं, तो ऐसे लोग पार्टी छोड़ते हैं।’ उन्होंने यह भी कहा ऐसे लोग भाजपा के काबिल नहीं।

इस बार असंतुष्टों पर रोक-टोक नहीं

आम चुनाव के पहले दल-बदल और आयाराम-गयाराम का सिलसिला नई बात नहीं है लेकिन पीढ़ी बदलाव के दौर से गुजर रही मध्यप्रदेश भाजपा में इस बार बड़े नेताओं के मोहभंग पर पार्टी हाईकमान भी चिंता जता चुका है। इस बार अंतर यह है कि भाजपा संगठन की ओर से दूसरी पार्टी में गए असंतुष्टों के लिए कोई रोक-टोक नहीं की गई है। पिछले दिनों केंद्रीय नेताओं के साथ हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। खासतौर पर पार्टी के तपे-तपाए नेताओं पूर्व मंत्री दीपक जोशी, एवं पूर्व विधायक गिरजाशंकर शर्मा व भंवर सिंह शेखावत के कांग्रेस का हाथ थाम लेने पर आश्चर्य जताया गया।

पहली बार इतने दिग्गज

मप्र में विधानसभा चुनाव के लिए इस बार विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चुनावी तैयारी, रणनीति और प्रबंधन के संबंध में लगातार फीडबैक ले रहे हैं। उनके अलावा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को भी महत्वपूर्ण जवाबदारी दी गई है। राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और प्रभारी मुरलीधर राव के अलावा सह प्रभारी के बतौर महाराष्ट्र की पंकजा मुंडे और उप्र के सांसद व मुरलीधर राव के सहयोगी रह चुके रामशंकर कठेरिया भी तैनात हैं। इसके बावजूद डैमेज कंट्रोल की व्यवस्था प्रभावी नजर नहीं आ रही।

कांग्रेस और आप नेता आए पर भाजपा के बड़े नेता भी गए

कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं लेकिन 12-14 बड़े नेताओं सहित करीब 40 लोगों के जाने से भाजपा को नुकसान ज्यादा हुआ।

(इनपुट-राजीव सोनी)

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