भोपालमध्य प्रदेश

एमपी टूरिज्म के बार में मुफ्त मिल रही हेरिटेज लिकर Mond , 60 एमएल के पैग के बदले करना पड़ेगा ये काम

विकास शुक्ला। राजधानी भोपाल समेत मप्र के कुछ शहरों में स्थित पर्यटन विभाग के बार में पीने वालों को आजकल महुआ शराब (हेरिटेज लिकर) परोसी जा रही है। महंगी अग्रेजी शराब पीने पहुंचे लोगों को बार कर्मचारी ‘मॉन्ड’ (महुआ शराब ब्रांड) टेस्ट करा रहे हैं। 60 एमएल का पैग लोगों को फ्री में दिया जा रहा है। शर्त इतनी है कि आपको यह पीने के बाद फीडबैक फॉर्म भरना होगा।

दरअसल, आदिवासियों द्वारा बनाई जाने वाली इस हेरिटेज लिकर को सरकार नेशनल और इंटरनेशनल मार्केट में उतारने की तैयारी में है। शराब तैयार हो चुकी है। टेस्टिंग का पहला चरण चल रहा है। मार्केट में उतारने से पहले इसकी क्वालिटी और कंटेंट को लेकर विभाग किसी भी तरह की चूक नहीं चाहता। इसलिए पहले बैच की 800 बोतलें पर्यटन विभाग की होटलों के बार में रखवाई गई हैं। इन बार में व्हिस्की, स्कॉच, रम या बीयर पीने पहुंचने वालों को मॉन्ड ऑफर की जा रही है। हालांकि, मॉन्ड पीने के लिए किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।

फॉर्म में देनी हैं ये जानकारी

मॉन्ड का पैग पीने के बाद आपको इसका फीडबैक फॉर्म भरना है। इस फॉर्म में नाम, मोबाइल नंबर, शराब का स्वाद, आपने पानी- साेडा या कॉकटेल पी है जैसी जानकारियां भरनी हैं। सरकार मॉन्ड चखने वालों से यह भी पूछ रही है कि आप इसका 60 एमएल का पैग खरीदना पसंद करेंगे या फिर 750 मिलीलीटर की बोतल? फीडबैक फॉर्म में यदि आप किसी तरह का सुझाव देना चाहते हैं तो वह भी लिख सकते हैं। माना जा रहा है कि 800 बोतलों की टेस्टिंग 15 से 20 दिन में हो जाएगी।

बोतल का डिजायन बदलने का सुझाव

मॉन्ड की इस बोतल में अभी बदलाव किया जाएगा।

पर्यटन विभाग की होटलों में लोगों ने अपने फीडबैक में शराब की बोतल का डिजायन बदलने का सुझाव दिया है। हालांकि, विभागीय सूत्रों का कहना है कि शराब की बोतल अब तक बनी ही नहीं है। टेस्टिंग के लिए बाजार से बोतल खरीदकर इसकी पैकिंग करवा दी गई थी। हाल ही में इसकी बाॅटलिंग के लिए टेंडर निकाले गए हैं। इसमें जो बेहतर डिजायन होंगे, उन्हें फाइनल किया जाएगा।

पर्यटन के होटलों में बिकेगी मॉन्ड

मॉन्ड मध्यप्रदेश के आदिवासी स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार की जाने वाली शराब है। सरकार ने अभी इसकी 185 एमएल की पैकिंग करवाई है। लोगों के फीडबैक आने और इसमें सुधार होने के बाद महुआ की शराब मप्र पर्यटन विकास निगम के आउटलेट्स पर बेची जाएगी। यह पर्यटन विभाग के होटल, एयरपोर्ट और अन्य चिह्नित रेस्‍टोरेंट्स में उपलब्ध होगी। सरकार ने अनुदान देकर आलीराजपुर और डिंडौरी में हेरिटेज प्लांट भी लगाए हैं। खंडवा में प्लांट लगाने की योजना है। इन प्लांट्स को आदिवासी समूह ही संचालित करेंगे।
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इंटरनेशनल मार्केट में भी लॉन्च करने की प्लानिंग

आदिवासियों को लायसेंस देकर सरकार ने उन्हें शराब निर्माण के लिए वैट और एक्साइज ड्यूटी में भी राहत देने का ऐलान किया है। गोवा की फेनी की तर्ज पर महुआ के मप्र ब्रांड माॅन्ड को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में लोकप्रिय

पुणे की लैब से फेल हुआ था सैंपल

इससे पहले पुणे की लैब से मॉन्ड का सैंपल एक बार फेल हो चुका है। इसमें अल्कोहल कंटेंट 30 फीसदी पाया गया था। सरकार इसे 36 से 40% पर रखना चाह रही है। सैंपल फेल होने के बाद नए सिरे से प्रोसेसिंग चालू हुई। इसका डिजायन प्रीमियम कैटेगरी में करना था। लेकिन अभी जो फीडबैक मिल रहे हैं, उनमें बोतल के डिजायन को अच्छा नहीं बताया गया है। ज्यादातर लोगों ने बोतल बेहतर करने की सलाह दी है। अभी यह देसी क्वार्टर जैसी है। करने की योजना भी है। आदिवासियों को खुश करने माइक्रो डिस्टलरी आदिवासी विकास खंडों में ही लगाने का संकल्प जताया गया है।

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