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Haldwani Violence : हल्द्वानी हिंसा का तीसरा दिन… कर्फ्यू जारी, स्कूल-नेट बंद… 5000 उपद्रवियों पर मुकदमे; सात जोन में बंटा शहर, मजिस्ट्रेट तैनात

हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हल्द्वानी में हिंसा के तीसरे दिन यानी शनिवार को भी कर्फ्यू जारी है, यहां स्कूल-कॉलेज-बंद हैं। इसी के साथ अफवाहों को रोकने के लिए प्रशासन ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। पुलिस ने 18 नामजद लोगों समेत 5000 उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वहीं 10 से अधिक लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने दंगे में 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है।

Haldwani Violence photo

70 हजार लोग घरों में कैद

हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस लगातार गिरफ्तारी कर रही है। इसमें 3 FIR दर्ज की गई हैं, जिसमें करीब 1 दर्जन नामजद और 5000 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इसी बीच दंगाग्रस्त इलाके बनभूलपुरा को अर्द्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया गया है। 2 किमी के इस दायरे में रहने वाले करीब 70 हजार लोग पूरी तरह से घरों में कैद हो गए हैं। सुरक्षा के लिहाज से 1000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

Hadwani Violence Photos

क्या है मामला ?

उत्तराखंड के हल्द्वानी नगर निगम ने शहर में बने एक अवैध मदरसे को गुरुवार (8 फरवरी) को बुलडोजर से गिरा दिया। बता दें कि यहां नमाज पढ़ने के लिए भी एक बिल्डिंग बनाई जा रही थी, उसे भी गिरा दिया गया। जिसके बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस और प्रशासन के ऊपर पथराव कर दिया। इस दौरान 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 पुलिसकर्मी और निगम कर्मचारियों के घायल होने की खबर है।

Haldwani DM Vandana Singh

पहले से थी हमले की प्लानिंग

हल्द्वानी डीएम वंदना सिंह ने शुक्रवार को हिंसा की जानकारी देते हुए बताया कि, अतिक्रमण हटाने से पहले ही टीम पर हमले की प्लानिंग कर ली गई थी। भीड़ ने पहले पत्थर फेंके। ये पत्थर पहले से ही छतों पर इकट्ठा कर रखे गए थे। इसके बाद दूसरा जत्था आया और उसने पेट्रोल बम से हमला किया।

बता दें कि I.N.D.I.A और सिविल सोसाइटी का उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के नेतृत्व में उत्तराखंड के राज्यपाल से राज भवन में मुलाकात करेगा।

हाईकोर्ट जज करें हिंसा की जांच : कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा हल्द्वानी दौरे पर पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि, हल्द्वानी के दंगे स्थानीय प्रशासन और खुफिया तंत्र की नाकामी का नतीजा हैं। इसके लिए पूरी तरह प्रशासन ही जिम्मेदार है। मदरसे को नगर निगम द्वारा सील भी कर दिया गया था। उस समय लोगों ने विरोध के बजाए प्रशासन का सहयोग किया था। मामले में सुनवाई के लिए 14 फरवरी की डेट लगी थी। फिर जल्दबाजी में ध्वस्तीकरण क्यों किया गया।

Hadwani Violence fire images

हिंसा में 10 करोड़ की संपत्ति का नुकसान

हल्द्वानी के सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्‌ट ने जानकारी देते हुए बताया कि, हिंसा में नगर निगम की करीब 5 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है। उपद्रवियों ने बनभूलपुरा पुलिस थाने के साथ पुलिस के वाहनों में भी आग लगा दी थी। कुल मिलाकर करीब 10 करोड़ रुपए की संपत्ति के नुकसान की बात कही जा रही है। सीएम पुष्कर सिंह धामी साफ कर चुके हैं कि इस नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी।

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