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डीजीपी सुधीर सक्सेना को भव्य विदाई, कैलाश मकवाना ने संभाला पदभार, पुलिस की टुकड़ियों ने परेड कर दी विदाई

भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस के महानिदेशक (DGP) सुधीर सक्सेना के सेवानिवृत्ति के अवसर पर शनिवार को राजधानी के मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम में एक भव्य विदाई परेड का आयोजन किया गया। इस मौके पर कैलाश मकवाना ने नए डीजीपी के रूप में पदभार ग्रहण किया।

इस दौरान डीजीपी की आईपीएस बेटी सोनाक्षी सक्सेना ने बतौर कमांडर पिता को सलामी दी। सोनाक्षी सक्सेना अभी भोपाल पुलिस में डीसीपी इंटेलिजेंस के रूप में काम कर रहीं हैं। सक्सेना परेड टूआईसी सहायक सेनानी रवि शर्मा के नेतृत्व में 8 प्‍लाटून तथा पुलिस बैण्ड दल द्वारा परेड की गई।

यात्रा कठिनाइयों और चुनौतियों से भरी रही, लेकिन…

विदाई समारोह की शुरुआत शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को नमन करते हुए हुई। पुलिस महानिदेशक ने परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद आकर्षक मार्च पास्ट हुआ। अपने संबोधन में सुधीर सक्सेना ने परेड में भाग लेने वाले सभी जवानों की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपका अनुशासन और समर्पण प्रदेश पुलिस की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।”

सक्सेना ने पुलिस सेवा में बिताए वर्षों को याद करते हुए कहा- “मध्यप्रदेश पुलिस का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व और सम्मान की बात रही। यह यात्रा कठिनाइयों और चुनौतियों से भरी रही, लेकिन इससे कहीं अधिक सीखने और जनसेवा का अवसर मिला।” मध्यप्रदेश पुलिस का गौरवशाली इतिहास शहीदों के आत्मबलिदान पर आधारित है। उन्होंने पुलिस बल की कर्मठता और अनुशासन की प्रशंसा की और शहीदों के बलिदान को नमन किया।

देखें वीडियो….

नए डीजीपी को दी शुभकामनाएं

सुधीर सक्सेना ने नए डीजीपी कैलाश मकवाना को बधाई देते हुए कहा कि वे एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। आपकी नेतृत्व क्षमता और अनुभव मध्यप्रदेश पुलिस को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। डीजीपी मकवाना ने भी सक्सेना को उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया और भरोसा दिलाया कि वे पुलिस बल की प्रतिष्ठा और सफलता को नई दिशा देंगे।

बेटन सौंपने के साथ समापन

समारोह के अंत में सक्सेना ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर नवनियुक्त डीजीपी मकवाना को बेटन सौंपकर औपचारिक रूप से पदभार हस्तांतरित किया। यह विदाई केवल एक परंपरा का निर्वहन नहीं थी, बल्कि पुलिस बल के प्रति सक्सेना की प्रतिबद्धता, नेतृत्व और योगदान का सम्मान भी थी।

कार्यकाल की उपलब्धियां

  • नक्सलवाद पर कड़ा प्रहार: ढाई वर्षों में रिकॉर्ड संख्या में नक्सलियों का सफाया हुआ। 3 करोड़ रुपए के इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार कर नक्सली गतिविधियों पर रोक लगाई गई। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में “हॉक फोर्स” की विशेष भूमिका रही।
  • महिला सुरक्षा अभियान: ऑपरेशन स्वयं सिद्धा, एहसास, मुस्कान और हेल्पिंग हैंड जैसे अभियानों के तहत उल्लेखनीय कार्य।
  • डिजिटल तकनीक का उपयोग: ई-विवेचना, ई-एफआईआर, और डिजिटल समंस प्रणाली लागू कर मध्यप्रदेश पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर पर सराहना पाई।
  • एटीएस की उपलब्धियां: भोपाल में जेएमबी मॉड्यूल ध्वस्त करना और पीएफआई पर कार्रवाई जैसे ऑपरेशनों में सफलता।

पुलिस परिवार के लिए योगदान

  • धृति पुलिस परिवार कल्याण केंद्र और दिशा लर्निंग सेंटर की स्थापना।
  • भोपाल में 50-बेड के पुलिस अस्पताल का शुभारंभ।
  • भत्तों और वेतनमान में बढ़ोतरी।

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