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जीआईएस सर्वे में खुलासा: टैक्स से बचने के लिए 40%मालिकों ने छिपाई अपनी प्रॉपर्टी

ग्वालियर-जबलपुर सहित 100 निकायों में अभी चल रहा काम

भोपाल। टैक्स देने से बचने के चक्कर में शहरों में 40 फीसदी लोग अपने मकानों का पंजीयन निकायों में नहीं कराते हैं। यह खुलासा निकायों में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) में हुआ है। निकायों ने शहरों में बने मकानों का सर्वे करने का काम निजी कंपनियों को दिया है। यह कंपनियां हर 6-6 महीने में शहर की सीमा में बने भवनों का सर्वे करेंगी और इसकी रिपोर्ट निकायों को देंगी। कंपनियों ने भोपाल, इंदौर निगम सहित प्रदेश के 236 निकायों की सीमा में बने भवनों का सर्वे किया है। वहीं जबलपुर, ग्वालियर सहित 100 निकायों में सर्वे का काम चल रहा है। तीन से चार माह के अंदर इनके यहां सर्वे का काम पूरा हो जाएगा। 78 निकायों में सर्वे कराने की निविदा जारी होनी हैं। प्रॉपर्टी टैक्स चोरी करने के मामले में 20 फीसदी लोग छोटे शहरों में हैं। भोपाल, इंदौर में 28 फीसदी मकान वर्षों से बिना पंजीयन के थे। अब निगम और निकाय पेनाल्टी के साथ टैक्स वसूली कर रहे हैं।

कमाई भी दोगुनी होने की संभावना

प्रदेश के 414 निकायों में 48.46 लाख भवन पंजीकृत हैं, सर्वे के बाद एक करोड़ भवन होने की संभावना बताई जा रही है। इससे निकायों की प्रॉपर्टी टैक्स से होने वाली कमाई भी दोगुना होने की संभावना है। इससे निकायों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने के साथ ही निकायों को केंद्र सरकार की कई योजनों का भी उन्हें लाभ मिलेगा। इसके साथ ही निकायों को केंद्र सरकार इंसेंटिव भी देगी।

छोटे निकाय: पहले 46 करोड़, अब 158 करोड़ की वसूली

प्रदेश के 236 नगर पालिका, नगर परिषद में 10 लाख 74 भवनों का ही पंजीयन हुआ था, जिनसे निकाय प्रॉपर्टी टैक्स लेते थे। सर्वे के बाद इन निकायों में 16 लाख 85 हजार भवनों का पंजीयन कराया गया। इन भवनों से जहां पहले 46 करोड़ रुपए डिमांड निकाल कर वसूली की जाती थी, वहीं अब वसूली बढ़कर 158 करोड़ से अधिक हो गई है। निकायों ने मार्च में इन भवनों से करीब तीस फीसदी राशि भी वसूल कर ली है।

छूट का फायदा उठाया: भवनों का सेल्फ असेसमेंट भी गलत

सरकार ने मकान मालिकों को यह छूट दे रखी है कि वे अपने मकान का सेल्फ असेसमेंट कर उसका टैक्स जमा करें। लेकिन जीआईएस सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि कई मकान मालिक जिन भवनों का एक मंजिल बनाकर टैक्स जमा कर रहे थे, वो दो से तीन मंजिला बने हुए थे। इसके साथ ही ये भवन निर्धारित क्षेत्रफल से ज्यादा एरिया में बनाए गए थे इसलिए ऐसे भवन मालिकों से भी पेनाल्टी के साथ वसूली की जा रही है।

90%संपत्ति के पंजीयन पर केन्द्र से मिलेगा रिबेट

निकायों में अगर 90 फीसदी तक संपत्ति का पंजीयन हो जाता है और वसूली 100 फीसदी हो जाती है तो केन्द्र सरकार निकायों को करोड़ों रुपए का रिबेट देगी। पंजीयन के आधार पर निकायों को रिबेट राशि दी जाएगी। यह राशि दस करोड़ से लेकर सौ करोड़ रुपए तक होगी। इससे निकाय अपने क्षेत्र में सड़क, बिजली सहित अन्य विकास कार्य करा सकेंगे। इसके अलावा निकायों में अपना एक डाटा तैयार हो जाएगा, जिसके आधार पर उन्हें तमाम तरह की योजना बनाने में सहूलियत होगी।

अभी सर्वे जारी, जहां पूरा हुआ वहां टैक्स की वसूली शुरू

जीआईएस सर्वे का काम अभी कई निकायों में चल रहा है। एक साल के अंदर सभी निकायों में यह काम पूरा हो जाएगा। अभी जिन शहरों में जीआईएस का काम हुआ है वहां 45 फीसदी तक संपत्तिकर में बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही 40 फीसदी तक भवनों के पंजीयन बढ़े हैं। जहां जहां सर्वे का काम पूरा हुआ है वहां निकाय टैक्स वसूली करने लगे हैं। भरत यादव, आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग

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