नई दिल्ली। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पीजी (NEET PG) सुपर स्पेशियलिटी के सिलेबस को परीक्षा से 2 महीने पहले बदलने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टरों को फुटबॉल नहीं बनाइए। कोर्ट ने सरकार से कहा कि वो इस मामले में 4 अक्टूबर को अपना जवाब दाखिल करे और संबंधित अफसरों की मीटिंग बुलाए।
नीट के सिलेबस में बदलाव करने को लेकर 41 डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। छात्रों का दावा है कि सरकार ने NEET PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 का सिलेबस एग्जाम से 2 महीने पहले बदल दिया था।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। यह स्टूडेंट्स के करियर का प्रश्न है। अब आप अंतिम समय में बदलाव नहीं कर सकते।
अगले साल बदलाव क्यों नहीं करते
कोर्ट ने कहा- राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) क्या कर रहा है। आप नोटिस जारी करते हैं और फिर पैटर्न बदल देते हैं। सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की तैयारी छात्र महीनों पहले से करते हैं।आप अगले साल से बदलाव क्यों नहीं करते।
क्या बदला गया सिलेबस में
याचिका लगाने वाले छात्रों का कहना है कि 2018 के पैटर्न के अनुसार सामान्य चिकित्सा से 40% और सुपर स्पेशियलिटी से 60% प्रश्न पूछे जाने थे। लेकिन आखिरी समय में बदलाव कर सामान्य चिकित्सा से 100% प्रश्न पूछे गए थे।