तिरुवनंतपुरम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (VSCC) पहुंचे। उनके साथ ISRO चीफ एस सोमनाथ भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने यहां लगभग 1800 करोड़ रुपए के तीन स्पेस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। अंतरिक्ष में जाने वाले चारों एस्ट्रोनॉट के नामों का ऐलान किया। उनके नाम प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजित कृष्ण और शुभांशु शुक्ला हैं। उन्होंने चारों एस्ट्रोनॉट को अपने हाथों से एस्ट्रोनॉट विंग्स पहनाए।

इसरो का लक्ष्य साल 2025 तक स्पेस में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का है, इसी मिशन का नाम गगनयान है। यदि भारत अपने गगनयान मिशन में सफल हो जाता है तो अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारत चौथा देश बन जाएगा जिसनें मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन स्पेस में भेजा होगा।
2035 तक अंतरिक्ष में होगा भारत का पहला स्पेस स्टेशन - PM
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कुछ देर पहले देश पहली बार 4 गगनयान यात्रियों से परिचित हुआ। ये सिर्फ 4 नाम या 4 इंसान नहीं हैं, ये वो चार शक्तियां हैं जो 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं को अंतरिक्ष तक ले जाने वाली हैं। 40 साल बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है, लेकिन इस बार वक्त भी हमारा है, काउंट-डाउन भी हमारा है और रॉकेट भी हमारा है। उन्होंने आगे बताया कि गगनयान में इस्तेमाल हुए अधिकतम इक्विपमेंट्स भारत में बने हैं। पिछले साल भारत वह पहला देश बना जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर तिरंगा फहराया और 2035 तक अंतरिक्ष में भारत का अपना स्पेस स्टेशन होगा। इसकी मदद से भारत अंतरिक्ष का अध्य्यन कर सकेगा।

पीएम मोदी ने जिन चार नामों का ऐलान किया है, उनमें ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजित कृष्ण और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। ये भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट है। ये चारों देश के हर तरह के फाइटर जेट्स उड़ा चुके हैं। हर तरह के फाइटर जेट्स की कमी और खासियत जानते हैं। इसलिए इन चारों को गगनयान एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग के लिए चुना गया है। इनकी रूस में ट्रेनिंग हो चुकी है। फिलहाल, बेंगलुरु में एस्ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग चल रही है।
कैसे हुआ चयन?
सेलेक्शन इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) ने गगनयान मिशन के लिए एस्ट्रोनॉट चुनने के लिए ट्रायल लिया था। इसमें देशभर से सैकड़ों पायलट पास हुए थे। इनमें से टॉप 12 का चयन किया गया। कई राउंड के बाद सेलेक्शन का प्रोसेस फाइनल हुआ और वायुसेना के चार पायलटों को इस मिशन के लिए चुना गया।
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2007 से गगयान मिशन पर चल रहा काम
इसरो ने 2020 में गगनयान मिशन का ऐलान किया था पर इसरो 2007 से गगनयान मिशन पर काम कर रहा है। हालांकि, बजट के कारण ये कभी पूरा नहीं हो पाया। गगनयान भारत का पहला मानव मिशन होगा, जिसके तहत इंसानो को स्पेस में भेजा जाएगा। मिशन के तहत एस्ट्रोनॉट्स को चार सौ किलोमीटर की ऊंचाई वाली कक्षा पर भेजने का प्लान है। जहां वह 3 दिनों तक रहेंगे और इसके बाद धरती पर लौटेंगे। गगनयान की लैडिंग समुद्र पर कराई जाएगी। जिसके लिए इसरो खुद इंसानों को ले जाने वाला रॉकेट,लाइफ सपोर्ट सिस्टम और इमरजेंसी स्केप तैयार कर रहा है।
2025 में लॉन्च होगा गगयान मिशन
इसरो 2025 में महत्वकांक्षी मिशन गगनयान लॉन्च करेगा। इसरो फिलहाल के लिए इस पर काम कर रहा है। वहीं, बीते साल अक्टूबर महीने में श्रीहरिकोटा से गगनयान स्पेसक्रॉफ्ट को लॉन्च कर टेस्ट किया था और देखा गया था कि रॉकेट में खराबी आने की आपात स्थिति में एस्ट्रोनॉट सुरक्षित रूप से बच सकते हैं।
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