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पहले की युवती से दोस्ती, फिर कैंसर की बीमारी बताकर 4 साल में ठग लिए 37 लाख 88 हजार रुपए, ओपन टॉक ऐप के जरिए हुई थी पहचान

भोपाल। राजधानी की सायबर क्राइम ब्रांच ने एक युवती की रिपोर्ट पर अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोपी ने पहले ओपन टॉक ऐप के माध्यम से युवती से दोस्ती की, फिर खुद को कैंसर की बीमारी बताकर इलाज के लिए उधारी के नाम पर 37.88 लाख रुपए ठग लिए। जालसाज करीब चार साल तक युवती से रुपये ऐंठता रहा, लेकिन पीड़िता को ठगी का एहसास भी नहीं हुआ। रुपये वापस मांगने पर जब युवक ने मोबाइल बंद कर लिया तो ठगी का पता चला। पुलिस आरोपी का पता लगाने का प्रयास कर रही है।

ऑनलाइन अंग्रेजी सीखना पड़ा महंगा

पुलिस के मुताबिक ऐशबाग इलाके में रहने वाली 23 वर्षीय युवती इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही है। 2019 में अंग्रेजी भाषा को मजबूत करने के लिए उसने ओपन टॉक नामक ऐप डाउनलोड किया था। इस ऐप पर नामचीन लोगों के साथ अंग्रेजी में बातचीत करने का मौका मिलता है, जिससे इंटरनेशनल लेवल पर अंग्रेजी में पकड़ मजबूत होती है। इसी ऐप पर युवती की पहचान सांई तेजा शर्मा नामक एक युवक से हुई। कुछ समय बाद उन्होंने मोबाइल पर बातचीत करनी शुरू की। सांई तेजा की अंग्रेजी और जनरल नालेज से युवती काफी प्रभावित हुई। चैटिंग और बातचीत के दौरान जब युवती उस पर भरोसा करने लगी तो वह एक-दो हजार रुपए उधार मांगने लगा। शुरुआत में वह रुपये लेने के बाद वापस लौटा दिया करता था। धीरे-धीरे उसने रकम बढ़ानी शुरू कर दी। बाद में उसने युवती को बताया कि उसे कैंसर की बीमारी हो गई है। अगर समय पर इलाज नहीं हुआ तो वह  मर जाएगा। युवती इन बातों में उलझ गई। सांई तेजा की बातों पर भरोसा करके युवती ने उसे उधार के तौर पर रुपए देना शुरू किए थे। चार साल के भीतर युवती ने करीब 37 लाख 88 हजार 982 रुपए सांई के खाते में ट्रांसफर कर दिए।

जालसाज ने चार महीने पहले बंद कर लिया नंबर

युवती के पिता शासकीय अधिकारी हैं। उन्होंने अपने बैंक एकाउंट में बेटी का नंबर जोड़ रखा था। इसके चलते बेटी का यूपीआई नंबर पिता के खाते से जुड़ गया और वह घर के मुख्य खाते से रुपयों का भुगतान कर रही थी। रुपये ट्रांसफर होने का मैसेज भी युवती के मोबाइल पर आता था, इसलिए पिता को पता नहीं चला। कुछ महीने पहले युवती ने जब साईं तेजा से अपने रुपये वापस मांग तो उसने रुपये लौटाने से इंकार कर दिया और मोबाइल बंद कर लिया। ठगी का एहसास होने पर युवती मानसिक अवसाद में चली गई। परिवार ने पूछताछ की तो घटनाक्रम का खुलासा हुआ। उसके बाद परिजन उसे थाने लेकर पहुंचे और घटना की शिकायत की।

मोबाइल नंबर के अलावा कोई जानकारी नहीं

पीड़ित युवती के पास आरोपी के मोबाइल नंबर के अलावा अन्य कोई जानकारी नहीं है। बीते चार सालों में दोनों के बीच न तो मुलाकात हुई और न ही आरोपी ने कभी अपना फोटो भेजा। साईं तेजा अंग्रेजी के अलावा तमिल भाषा में बातचीत करता था। पुलिस का अनुमान है कि जालसाज दक्षिण भारत का हो सकता है। यह आशंका है कि उसने युवती को अपना नाम भी गलत ही बताया होगा। उसने जिन खातों में रुपये ट्रांसफर करवाए हैं, उनकी डिटेल निकाली जा रही है। उसके बाद ही आरोपी के बारे में सही जानकारी मिल पाएगी।

साफ्टवेयर इंजीनियर को भी जालसाजों ने लगाई 2 लाख की चपत

सायबर क्राइम ब्रांच ने तीन दिन पहले एक अन्य जालसाज के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आरोपी ने बेंगलुरू की एक निजी कंपनी में काम करने वाले साफ्टवेयर इंजीनियर को फोन कर बताया कि उनके आधार कार्ड की आईडी से ताईवान भेजे जा रहे पार्सल के अंदर ड्रग्स मिली है। इसमें पुलिस केस हो सकता है, इसलिए सायबर क्राइम ब्रांच से संपर्क करें। इसके साथ ही फोन करने वाले ने खुद ही एक नए मोबाइल से संपर्क कराया, जिसने बताया कि वह सायबर क्राइम ब्रांच का अधिकारी है। मदद के बहाने जालसाज ने इंजीनियर से 1.94 लाख रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिए थे।

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