
इंदौर। शहर के लसूड़िया थाना क्षेत्र में नगर निगम के एक ड्राइवर को फर्जी चिटफंड कंपनी में रुपए लगवाकर पैसा तीन गुना करने का लालच देकर दंपति ने लगभग 4 लाख रुपए की धोखाधड़ी की। पीड़ित ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस को बताया कि 1 वर्ष पहले अक्टूबर में एक युवती का फोन आया। उसने खुद को दिल्ली की रहवासी बताया। ब्रेन ट्यूमर की बीमारी से ग्रसित होकर उसने ड्राइवर से पहले मदद मांगी।
इसके बाद युवती ने ड्राइवर को अपनी बातों के झांसे में लिया और 1 साल में 4 लाख रुपए अपने बैंक खाते में रुपए जमा करवा लिए। ड्राइवर ने पैसे वापस मांगे तो दंपति आनाकानी करने लगे। इसके बाद नगर निगम के ड्राइवर ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
10 अक्टूबर 2021 को हुई पहली बार बात
लसूड़िया थाना प्रभारी संतोष दूधी ने बताया कि पीड़ित सरवन चौहान ने थाने में एक आवेदन दिया था। इसके मुताबिक 10 अक्टूबर को फरियादी के पास दिल्ली से एक अज्ञात फोन आया। कॉल करने वाली युवती ने अपना नाम अंजलि बताया। उसने कहा कि वह ब्रेन ट्यूमर की बीमारी से पीड़ित है। इसके बाद अंजलि ने सरवन को अपने झांसे में लिया और अपने बैंक खाते में 29 हजार रुपए डलवा दिए। अंजलि और सरवन की बातें होने लगीं तो अंजलि ने उसे बताया कि दिल्ली में उसके दोस्त की एक चिटफंड कंपनी है। यदि वह इन्वेस्टमेंट करे तो एक साल में रुपए दोगुने हो जाएंगे।
पैसे नहीं मिले तो थाने पहुंचा ड्राइवर
सरवन अंजलि की बातों में आ गया। कुछ दिनों बाद फर्जी चिटफंड कंपनी के कर्ताधर्ता गोरख से भी सरवन की बातें हुईं। लगातार 1 साल तक बातचीत होने के बाद कई बार सरवन ने गोरख के बैंक खाते में रुपए डाले। एक साल पूरा होने के बाद चार लाख की राशि जब वापस मांगी तो गोरख आनाकानी करने लगा। कुछ दिनों बाद अंजलि और गोरख ने अपने मोबाइल भी बंद कर दिए। सरवन ने जब दिल्ली के उन लोगों की जानकारी निकाली तो पता चला कि दोनों पति-पत्नी हैं और इसी तरह ठगी का काम करते हैं। बाद में सरवन ने थाने में अंजलि और गोरख के खिलाफ केस दर्ज कराया।
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