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PM Security Breach : केस की जांच कर रहीं जस्टिस इंदु मल्होत्रा को मिली धमकी, वॉयस नोट में कहा हम लिस्ट बना रहे हैं…

पीएम मोदी के सुरक्षा में चूक मामले की जांच कर रही सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी की चेयर पर्सन और पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा को धमकी मिली है। जानकारी के मुताबिक, खालिस्तानी अलगाववादियों ने उन्हें धमकी देते हुए कहा है कि वे उन्हें PM मोदी की सुरक्षा सेंध मामले की जांच नहीं करने देंगे। इस संगठन ने धमकी भरे ऑडियो क्लिप भी जारी किए हैं।

सबका हिसाब होगा

पूर्व जस्टिस मल्होत्रा समेत कई वकीलों को एक वॉयस नोट भेजा गया है। इस वॉयस नोट में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज को हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक मामले की जांच नहीं करने देंगे। पीएम मोदी और सिखों में से किसी एक चुनना होगा।’ आगे कहा गया, ‘हम सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की भी लिस्ट बना रहे हैं और सबका हिसाब होगा।’

पीएम मोदी को फिर रोकने की धमकी

SFJ के रिकार्डेड मैसेज में कहा गया है कि उसके खिलाफ शिकायत करने वाले वकीलों ने खुद को खतरनाक स्थिति में डाल लिया है। जस्टिस इंदु मल्होत्रा को जांच नहीं करने दी जाएगी। 26 जनवरी को मोदी को फिर रोका जाएगा।

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क्या है मामला

5 जनवरी को पंजाब के बठिंडा से हुसैनीवाला जाते समय प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। पीएम को 20 मिनट तक ओवरब्रिज पर फंसने के बाद लौटना पड़ा था। जिस इलाके में पीएम मोदी का काफिला रुका था, वह आतंकियों के अलावा हेरोइन तस्करों का गढ़ माना जाता है। पिछले साल सितंबर माह में इसी क्षेत्र में आतंकी वारदात को अंजाम दिया गया था। इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई है। सुप्रीम कोर्ट की रिटायर जज इंदु मल्होत्रा इसकी अध्यक्षता करेंगी।

जांच कमेटी में और कौन?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने न्यायमूर्ति मल्होत्रा के अलावा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के महानिदेशक या उनके प्रतिनिधि, चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक और पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सुरक्षा) को समिति का सदस्य बनाया है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल भी इसमें सदस्य हैं और उनसे समिति के समन्वयक के तौर पर काम करने को कहा गया है।

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सिख फॉर जस्‍ट‍िस ने रोका था पीएम मोदी का काफिला!

इससे पहले 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने दावा किया था कि उन्हें धमकी वाले रिकॉर्डेड संदेश के साथ अंतरराष्ट्रीय कॉल आया है। जिसमें सिख फॉर जस्टिस ने खुद को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक के लिए जिम्‍मेदार बताया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153, 153-ए, और 506 के तहत गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13, 16, 18 और 20 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

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