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सिख फॉर जस्टिस ने रोका था पीएम मोदी का काफिला! SC के वकील का दावा- फोन पर धमकाया कि मोदी की मदद ना करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की जांच अब सुप्रीम कोर्ट की कमेटी करेगी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के कई वकीलों ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें धमकी वाले रिकॉर्डेड संदेश के साथ अंतरराष्ट्रीय कॉल आया है। दावा किया जा रहा है कि यह कॉल सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की ओर से आया है।

रिकॉर्डेड कॉल में दंगों का भी जिक्र

रिकॉर्डेड फोन कॉल में कहा गया है, ”सुप्रीम कोर्ट के जज, जो पीएम मोदी की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं, वह पंजाब के किसानों के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर मोदी की मदद ना करें। जस्टिस फॉर सिख (SFJ) फिरोजपुर में पीएम मोदी का काफिला रोकने के लिए जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट के जज, 1984 का नरसंहार याद कीजिए, उस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक किसी भी हत्यारे को दोषी नहीं ठहराया है। वहीं एक हजार से अधिक सिख किसानों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट मौन है। अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करता है यह उसकी सबसे निंदनीय कार्यवाही होगी। यह संदेश अमेरिका में सिख फॉर जस्टिस के जनरल खालसों की तरह है। हम पंजाब में पीएम मोदी का काफिला रोकने की जिम्मेदारी लेते हैं।”

धमकी भरे कॉल की हो जांच- वकील

वकीलों की मांग है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस धमकी भरे कॉल की जांच कराए। वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने ट्वीट कर कहा, सिख फॉर जस्टिस यूएसए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एओआर (एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड) को भेजे गए ऑडियो को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। ऑडियो प्रचार से प्रेरित या दोषियों के निशान को धुंधला करने के लिए एक धोखा हो सकता है, लेकिन चूंकि इसमें सुप्रीम कोर्ट जजों व एओआर के लिए परोक्ष खतरा है इसलिए एनआईए को इसकी तुरंत जांच करनी चाहिए।

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इस नंबर से आए कॉल

सिख फॉर जस्टिस की तरफ से यूनाईटेड किंगडम के एक नंबर से सुप्रीम कोर्ट के AOR को फोन कॉल किए गए हैं। जानकारी के मुताबिक उन्होंने + 447418365564 इस फोन नंबर से सुप्रीम कोर्ट के AOR को कॉल किया है।

लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट में भी SFJ का था हाथ

पिछले दिनों लुधियाना कोर्ट में हुए ब्लास्ट में भी सिख फॉर जस्टिस संगठन का हाथ था। हमले के आरोपी जसविंदर सिंह मुल्तानी को जर्मनी से गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि सिख फॉर जस्टिस एक खालिस्तानी संगठन है। जसविंदर सिंह मुल्तानी ‘सिख फॉर जस्टिस’ SFJ से जुड़ा हुआ है। इस संगठन के कई सदस्य एनआईए के रडार पर हैं।

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क्या है ‘सिख फॉर जस्टिस’

‘सिख फॉर जस्टिस’ एक अलगाववादी संगठन है, जिसे साल 2007 में बनाया गया। भारत सरकार ने इसे प्रतिबंधित किया है। इसका मुखिया गुरपतवंत सिंह पन्नू है। अमेरिका से संचालित होने वाला यह संगठन भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। इसके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से तार जुड़े हैं। यह संगठन पंजाब में खालिस्तान बनाने की मांग करता है। SFJ अलगाववादी एजेंडे के तहत काम करता है।

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समिति करेगी सुरक्षा चूक की जांच

पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सीजेआई एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने पीएम की सुरक्षा में चूक की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाने पर सहमति व्यक्त की है।

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