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बिहार में NDA सरकार बनते ही RJD के खिलाफ पहला एक्शन, स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस जारी; CM नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक आज

पटना। बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में नई सरकार बन गई है। एनडीए सरकार की आज पहली कैबिनेट बैठक है, जिसमें मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में होने वाली बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू होगी। वहीं राज्य में नई सरकार बनने के बाद अब एनडीए ने आरजेडी के खिलाफ पहला एक्शन लिया है। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया है।

इस्तीफा नहीं देने पर बहुमत से हटाया जाएगा

विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ भाजपा के नंदकिशोर यादव ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को दिया है। आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी अगर स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बहुमत से हटाया जाएगा। नोटिस में कहा गया है कि, सत्ता में नई सरकार के आने के बाद वर्तमान अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर इस सभा का विश्वास नहीं रह गया है। स्पीकर के खिलाफ नोटिस देने वाले प्रस्ताव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व डिप्टी सीएम बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद, जेडीयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सदा समेत कई और विधायकों के भी हस्ताक्षर हैं।

एनडीए गठबंधन के पास 128 विधायक हैं तो विपक्षी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं।

8 मंत्रियों ने ली शपथ

नीतीश कुमार ने रविवार शाम 5 बजे 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नीतीश के साथ कुल 8 मंत्रियों ने शपथ ली। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष रहे विजय सिन्हा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। जबकि, डॉ. प्रेम कुमार (भाजपा), विजेंद्र प्रसाद (जदयू), श्रवण कुमार (जदयू), विजय कुमार चौधरी (जदयू), संतोष कुमार सुमन (हम), सुमित सिंह (निर्दलीय) ने मंत्री पद की शपथ ली है।

नई सरकार बनाने के लिए नीतीश कुमार ने 128 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंपा था। नीतीश के पास भाजपा के 78, जेडीयू के 45, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) के चार और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है। इस्तीफे के 6 घंटे बाद नीतीश कुमार ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

नीतीश ने सीएम पद 8वीं बार छोड़ा और 9वीं बार ली शपथ

  • नीतीश कुमार पहली बार 3 मार्च 2000 को सीएम बने थे। बहुमत न हो पाने से 10 मार्च 2000 को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
  • बिहार में 2005 में हुए चुनाव में नीतीश बीजेपी के समर्थन से दूसरी बार मुख्यमंत्री बने थे।
  • इसके बाद 2010 में हुए चुनाव के बाद एक बार फिर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने।
  • लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ पार्टी के खराब प्रदर्शन की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस दौरान उन्होंने जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री पद सौंपा। हालांकि, 2015 में अंदरुनी कलह हुई तो नीतीश ने मांझी को हटाकर फिर से खुद मुख्यमंत्री बने गए थे।
  • 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (जदयू, राजद, कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन) की एनडीए के खिलाफ जीत के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के सीएम बने। यह कुल पांचवीं बार रहा, जब नीतीश ने सीएम पद की शपथ ली।
  • डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला किया। जुलाई 2017 में ही पद से इस्तीफा दिया और एक बार फिर एनडीए का दामन थामकर मुख्यमंत्री का पद संभाला।
  • 2020 के विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन ने जीत हासिल की। हालांकि, जदयू की सीटें भाजपा के मुकाबले काफी घट गईं। इसके बावजूद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
  • 2022 में एनडीए से अलग होने के ठीक बाद नीतीश कुमार ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से जुड़ने का ऐलान कर दिया। इस बार नीतीश कुमार ने 8वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 28 जनवरी 2024 को उन्होंने 8वीं बार मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया।
  • 28 जनवरी 2024 को नीतीश कुमार ने 9वी बार भाजपा के समर्थन से सीएम पद की शपथ भी ले ली।

तीसरी बार BJP के साथ सीएम बने नीतीश

  • 1996 में नीतीश ने भाजपा से पहली बार गठबंधन किया था। 3 मार्च 2000 को सीएम बने, लेकिन बहुमत नहीं जुटा पाने की वजह से पद छोड़ा और अटलजी की सरकार में केंद्र में रेल मंत्री बने।
  • 1996 से 2013 तक नीतीश भाजपा के साथ रहे। जब नरेंद्र मोदी को भाजपा ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया तो वे एनडीए से अलग हो गए। 2015 में महागठबंधन की सरकार में सीएम रहे।
  • दूसरी बार वे 2017 में एनडीए में लौटे और भाजपा की मदद से सरकार बनाई।
  • 2024 में अब वे तीसरी बार भाजपा की मदद से मुख्यमंत्री बनेंगे। 28 साल में तीसरी बार वे भाजपा के साथ हैं।

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