
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वहीं चुनाव से पहले नेताओं और कार्यकर्ताओं का दल बदलने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में बुधवार को 80 के दशक में ग्वालियर चंबल-अंचल के बीहड़ों में कुख्यात डकैत रहे मलखान सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पूर्व दस्यू मलखान सिंह की कांग्रेस में शामिल होने की लंबे समय से चर्चा चल रही थी।
इसके साथ ही पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी संतोष शर्मा और भिंड से जिला पंचायत सदस्य (बीजेपी नेत्री) सुहानी कुशवाहा ने भी कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। संतोष शर्मा सागर और छतरपुर में जिला शिक्षा अधिकारी रहे हैं। पीसीसी चीफ कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने सभी को कांग्रेस की सदस्यता दिलाई।
PCC चीफ बोले- ये मध्य प्रदेश के भविष्य का सवाल है
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मलखान सिंह का कांग्रेस में स्वागत करता हूं। मलखान सिंह बता चुके हैं कि बीजेपी में कितना भ्रष्टाचार है। ये सवाल चुनाव का नहीं, मध्य प्रदेश के भविष्य का सवाल है। युवा मध्य प्रदेश का निर्माण करेंगे। प्रदेश में भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं है। ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार की व्यवस्था है। पूरे में पैसा दो और भ्रष्टाचार करो चल रहा है। ये बात पूरा प्रदेश कह रहा है।
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अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाया : मलखान
कांग्रेस में शामिल होने के बाद मलखान सिंह ने अपने संबोधन में कहा, मैं आज बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं। उन्होंने कहा कि पहले अन्याय के खिलाफ बंदूक उठाई थी, आज अन्याय के खिलाफ बिगुल बजाया है। उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा में अब अन्याय-अत्याचार बढ़ गया है। 20 साल से किसान रो रहे हैं। महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कर हो रहा है। इसीलिए मैंने भाजपा का त्याग किया है।

कभी बीहड़ के दस्यु किंग कहलाते थे मलखान
गौरतलब है कि मलखान कभी बीहड़ के दस्यु किंग कहलाते थे। वे खुद को डाकू कहलाना गलत बतलाते हैं। उनके अनुसार वे अन्याय के खिलाफ बागी थे। गांव के रामजानकी मंदिर की 100 बीघा जमीन को मंदिर में मिलाने के लिए उन्होंने हथियार उठाए थे। उस दौरान वे पंच भी थे। 15 जून 1982 में मलखान सिंह और उनकी गैंग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मौजूदगी में समर्पण कर दिया था। इसके बाद मलखान 6 साल जेल में रहे। साल 1989 में सभी मामलों में बरी करके उन्हें रिहा कर दिया गया।
बता दें कि मलखान सिंह की पत्नी निर्विरोध सरपंच भी चुनी गई है, उनके मुकाबले में कोई भी उम्मीदवार नहीं उतरा था। मलखान सिंह की पत्नी ललिता राजपूत गुना जिले के आरोन इलाके की पूरी सिनगयाई पंचायत से सपरंच हैं।
2019 में भाजपा छोड़ सपा का दामन थामा
मलखान बीजेपी से प्रभावित हुए और उसके लिए प्रचार करना शुरू कर दिया। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी का प्रचार करने के लिए वे कई मंचों का चेहरा बने। वहीं जब मलखान सिंह 2019 में भाजपा ने टिकट ना मिलने पर भाजपा से खफा हुए और पार्टी छोड़ दी। बाद में उन्होंने अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का दामन थाम लिया। धौरहरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।