
वाशिंगटन। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की वापसी को लेकर बड़ा बयान दिया है। वॉशिंगटन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों की वापसी के लिए हमेशा तैयार है, बशर्ते यह तय हो जाए कि वे भारतीय नागरिक हैं। उन्होंने इस मुद्दे को भारत की सैद्धांतिक नीति का हिस्सा बताया और कहा कि भारत अवैध प्रवासन का कड़ा विरोध करता है।
अवैध प्रवासन के खिलाफ भारत का रुख
जयशंकर ने कहा, “हमारा रुख स्पष्ट और सैद्धांतिक है। अगर हमारे नागरिक किसी अन्य देश में अवैध रूप से रह रहे हैं और यह प्रमाणित हो जाता है कि वे भारतीय हैं, तो हम उनकी वापसी सुनिश्चित करेंगे।”
उन्होंने यह भी कहा कि अवैध प्रवासन किसी भी देश की छवि को खराब करता है और इसके चलते अवैध गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है।
अमेरिका से 18 हजार भारतीयों की वापसी होगी
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 18 हजार भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है। ये लोग वहां बिना वैध दस्तावेजों के रह रहे हैं और अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने के लिए योग्य नहीं हैं। अमेरिकी सरकार की प्रवासन संस्था ICE (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट) ने हाल ही में 15 लाख अवैध प्रवासियों की सूची तैयार की थी, जिसमें 18 हजार भारतीय शामिल हैं।
H-1B वीजा धारकों में भारतीयों का दबदबा
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 3,86,000 लोगों को H-1B वीजा जारी किए गए थे, जिनमें से करीब 75% भारतीय थे। हालांकि, अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों की समस्या अलग है, जो कानूनी और वैध प्रवासन के लिए भारत और अमेरिका दोनों के लिए चुनौती है।
डोनाल्ड ट्रम्प को सौंपा प्रधानमंत्री का पत्र
जयशंकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए वॉशिंगटन गए थे। इस दौरान उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र ट्रम्प को सौंपा। यह पत्र भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने के लिए था।
अवैध प्रवासन को रोकने के लिए भारत करेगा सहयोग
जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका अवैध प्रवासन रोकने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भारत ने हमेशा से ही नियम आधारित प्रवासन का समर्थन किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उसके नागरिकों का विदेश में सम्मानजनक और वैध उपस्थिति हो।
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