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प्रदेश की पांच महिला IAS केंद्र में जाने तैयार, लेकिन सरकार ने रोका

2007 बैच के अफसरों को मिली एक साल की मोहलत

भोपाल। मध्यप्रदेश कॉडर की पांच महिला आईएएस प्रतिनियुक्ति पर केंद्र सरकार में जाने को तैयार हैं लेकिन, अफसरों की कमी और विधानसभा चुनाव नजदीक होने के चलते शासन से ‘हां’ नहीं हो रही है। इनमें वे महिला आईएएस भी हैं जिनके पति पहले से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। वहीं केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त सचिव बनने के लिए प्रतिनियुक्ति पर रहने की अनिवार्यता पर एक साल की छूट दे दी है, इससे प्रदेश के वर्ष 2007 बैच के अफसरों ने फिलहाल दिल्ली जाने का विचार बदल दिया है।

केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ होने के लिए प्रमुख सचिव जनजातीय कल्याण विभाग पल्लवी जैन गोविल (बैच 1994) का नाम तीन साल पहले इंपेनलमेंट हो चुका है। वे केंद्र में सचिव पद पर पदस्थ होंगी। लेकिन उन्हें शासन से सहमति नहीं मिल रही है। खबर है कि उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध भी किया है। पल्लवी जैन के पति मनोज गोविल पहले से प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। वर्ष 1993 बैच की दीप्ती गौड़ मुकर्जी भी दिल्ली जाने की तैयारी में हैं।

कई अफसरों के बदले जा सकते हैं प्रभार

प्रदेश में गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों की जंबो लिस्ट जारी होने के बाद अगले सप्ताह में वरिष्ठ स्तर पर विभागों में बदलाव होने के साथ आधा दर्जन संभाग आयुक्त और इतने ही कलेक्टर इधर से उधर हो सकते हैं। हाल ही में हटाए गए कलेक्टरों को मंत्रालय में उप सचिव बनाने से उन्हें विभाग भी दिए जाएंगे। अपर मुख्य सचिव स्तर पर छह और 5 प्रमुख सचिव के पास भारी भरकम विभाग हैं। संभाग स्तर पर आयुक्त इंदौर, रीवा, शहडोल और उज्जैन को तीन साल होने को हैं। मालवा और महाकोशल क्षेत्र से छह जिलों के कलेक्टर इधर से उधर हो सकते हैं।

एक साल की रियायत से राहत

उल्लेखनीय है कि संयुक्त सचिव पद के लिए केंद्र में जाना आवश्यक है। इसलिए प्रदेश कॉडर के वर्ष 2007 बैच के अफसरों को इस साल प्रतिनियुक्ति पर जाने का अवसर था लेकिन केंद्र सरकार ने एक साल की अनिवार्यता को शिथिल किया है। इससे वर्ष 2007, 08, 09 बैच के आईएएस अफसरों ने मन बनाया है कि विधानसभा चुनाव के बाद ही कोई प्लान बनाया जाएगा।

32 आईएएस पहले से केंद्र में

मध्यप्रदेश कॉडर के 32 आईएएस पहले से केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। दरअसल, प्रदेश कॉडर में वर्तमान में 364 आईएएस हैं। जबकि जरूरत करीब 417 की है। अफसरों की कमी के चलते एक-एक अधिकारी के पास तीन-तीन विभागों के प्रभार हैं। कई आईएएस मंत्रालय में पदस्थ होने के साथ प्रबंध संचालक का दायित्व भी संभाल रहे हैं।

इन अधिकारियों के पास 1 से अधिक विभाग

  • मो. सुलेमान : एसीएस स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीजीटीआर एवं एनआरआई विभाग।
  • विनोद कुमार : जीएडी, समन्वय एवं मप्र संसदीय कार्य
  • जेएन कंसोटिया : वन एवं उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण
  • डॉ.राजेश राजौरा : गृह, धर्मस्व, संचालक टीआरआई
  • एसएन मिश्रा : उपाध्यक्ष एनवीडीए, , एमडी एनबीपीसीएल
  • अशोक वर्णवाल : कृषि, पिछड़ा वर्ग कल्याण, घुमक्कड़ विभाग
  • मनु श्रीवास्तव : तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, ग्रामोद्योग विभाग
  • मलय श्रीवास्तव : चेयरमैन कर्मचारी चयन मंडल, आयुक्त विकास एवं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
  • संजय दुबे : पीएस ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा
  • अनिरुद्ध मुकर्जी: पीएस लोक परिसंपत्ति प्रबंधन, डीजी प्रशासन अकादमी, एमडी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी
  • संजय शुक्ला: पीएस पीएचई व उद्योग
  • दीपाली रस्तोगी: महिला एवं बाल विकास विभाग एवं वाणिज्यिक कर
  • शिव शेखर शुक्ला: पीएस संस्कृति एवं पर्यटन, संचालक स्वराज संस्थान, एमडी एमपीटीडी
  • सचिन सिन्हा: श्रम, एवं सामाजिक न्याय तथा नि:शक्तजन
  • उमाकांत उमराव: खाद्य एवं नागरिक संरक्षण एवं सहकारिता
  • निकुंज श्रीवास्तव: साइंस एवं टेक्नालॉजी एवं राजस्व

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