
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान में आर्मी का दबदबा रहेगा, तब तक भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा, “जब पाकिस्तान की जनता की सरकार बनेगी और वे भारत से दोस्ती चाहेंगे, तभी शांति मुमकिन होगी।”
पहलगाम हमले को बताया इंटेलिजेंस फेल्योर
फारूक अब्दुल्ला ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को सुरक्षा और खुफिया तंत्र की चूक बताया। उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करते हुए कहा, “पाकिस्तान नहीं चाहता कि कश्मीर के लोग शांति से जिएं। यही वजह है कि ऐसे हमलों को अंजाम दिया जा रहा है।”
इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। हमले के बाद लोगों में गुस्सा है और केंद्र सरकार ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
जातीय जनगणना को बताया जरूरी
फारूक अब्दुल्ला ने जातीय जनगणना को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि “अब वक्त आ गया है कि देश को पता चले कि कितने लोग कौन-कौन सी जाति और धर्म से हैं। इसमें कोई बुराई नहीं है। पहली बार सच सामने आना चाहिए।”
वक्फ कानून पर जताई नाराजगी
वक्फ संपत्ति कानून पर भी फारूक अब्दुल्ला ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस कानून का हम विरोध करते हैं और हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मामला अभी खत्म नहीं हुआ है और कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।