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Farmers Protest : किसान आंदोलन का 15वां दिन, दिल्ली कूच पर मीटिंग आज, उत्तराखंड से मिला समर्थन, पंधेर बोले- केंद्र के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग प्रपोजल से बातचीत टूटी

नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 15वां दिन हैं। दिल्ली कूच 29 फरवरी तक टालने के बाद किसान पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) की आज नेशनल लेवल की मीटिंग होने वाली है। इसी मीटिंग में किसान के आगे के प्लान पर चर्चा होनी है। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर उत्तराखंड में किसान सड़कों पर उतरे।

आज होगा दिल्ली कूच का फैसला

किसानों ने कुछ दिन पहले सूचना दी थी कि 29 फरवरी तक दिल्ली कूच नहीं किया जाएगा। इसी के साथ ये भी बताया था कि 27 फरवरी को एक मीटिंग की जाएगी जिसमें तय किया जाएगा कि आगे किसानों को क्या करना है। इसमें दिल्ली कूच पर चर्चा होगी। वहीं, 28 फरवरी को दिल्ली कूच पर फाइनल फैसला लिया जाएगा।

वार्ता में दिक्कत हो रही है – सरवण पंधेर

किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवण पंधेर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार और पंजाब के कुछ अफसर कह रहे हैं कि हरियाणा पुलिस पर FIR को लेकर केंद्र-किसानों की वार्ता टूटी है। मगर, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बातचीत कॉन्ट्रैक्ट बेस खेती के प्रस्ताव से टूटी है, हम MSP गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं। इसी वजह से वार्ता में दिक्कत हो रही है।

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पूरे देश से मिला समर्थन – पंधेर

पंधेर ने आगे किसान आंदोलन के समर्थन के बारे में बात करते हुए कहा कि बीते दिनों में आंदोलन को पूरे देश में समर्थन मिला है। भारत के इतिहास में पहली बार आदिवासियों ने किसानों को समर्थन दिया होगा।

ट्रैक्टर मार्च को मिला समर्थन

वहीं, 26 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला इसी के साथ आंदोलन कर रहे संगठनों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के पुतले को भी फूंका। इस ट्रैक्टर मार्च में उत्तराखंड से समर्थन मिला। यहां किसान सड़कों पर उतरे और हाईवे पर धरना प्रदर्शन के साथ नारेबाजी की।

सिंघु और टीकरी बॉर्डर खोले गए

किसानों के दिल्ली कूच टलने के बाद हरियाणा में सड़कें खुलनी शुरू हो गई हैं। पहले दिल्ली पुलिस ने हरियाणा से सटे सिंघु और टिकरी बॉर्डर को खोला फिर हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से चंडीगढ़ जाने के लिए कुरूक्षेत्र में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे की सर्विस रोड खोल दी।

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किसान शुभकरण का नहीं हुआ पोस्टमार्टम

वहीं, खनौरी बॉर्डर पर मरे किसान शुभकरण का अभी पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। पंजाब सरकार किसान के परिवार को 1 करोड़ रुपए  और बहन को सरकारी नौकरी देने का ऐलान कर चुकी है। लेकिन, किसान नेता और परिवार उसे गोली मारने वालों पर FIR दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए हैं।

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