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Farmers Protest : किसान आंदोलन का 14वां दिन, सड़कों पर ट्रैक्टर उतारकर जलाएंगे WTO का पुतला; पंधेर ने सरकार से बातचीत के दिए संकेत

नई दिल्ली। किसान आंदोलन का आज 14वां दिन है। किसान दिल्ली कूच का फैसला 29 फरवरी तक टाल चुके हैं। हालांकि वे पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में चल रहे किसान आंदोलन में किसान आज ट्रैक्टर मार्च निकालने की तैयारी में हैं। माना जा रहा है कि इस मार्च के जरिए किसान शक्ति प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, किसानों के ट्रैक्टर मार्च की वजह से हाइवे पर जाम लगने की भी आशंका जताई जा रही है।

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ट्रैक्टर मार्च के साथ पुतला भी जलाएंगे किसान

किसानों ने दिल्ली कूच को 29 फरवरी तक टाल दिया है। वे बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इसी के साथ वे आज ट्रैक्टरों के जरिए अपना शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। किसानों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकालेगा। वहीं आंदोलन में डटे किसान वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) के पुतले फूंकेंगे। किसानों के इस आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं।

हर जिले में बनाए गए प्वाइंट

ट्रैक्टर मार्च को लेकर हर जिले में प्वाइंट बनाए गए हैं। मुजफ्फरनगर में 8, मेरठ में 4 और गाजियाबाद में 4 प्वाइंट हैं। किसान ट्रैक्टर रैली बनाकर सरकार से अपनी नाराजगी जताएंगे।

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पंधेर ने सरकार से वार्ता के दिए संकेत

रविवार यानी 25 फरवरी को किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के कोऑर्डिनेटर सरवण पंधेर ने शंभू बॉर्डर पर केंद्र से वार्ता के संकेत दिए। उन्होंने कहा, ”सरकार बॉर्डर और इंटरनेट खोलने का काम कर रही है। अब इस माहौल में सही से बातचीत हो सकेगी।”

हरियाणा में इंटरनेट चालू, पंजाब में रोक

एक तरफ जहां हरियाणा में इंटरनेट पर लगी रोक को हटा दिया गया है वहीं पंजाब में इस सेवा की रोक बढ़ दी गई है। पंजाब के 7 जिलों के 19 पुलिस थानों के इलाकों में केंद्र सरकार की तरफ से लगाई इंटरनेट की रोक 26 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। वहीं, हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट पर लगी रोक हट गई है। बता दें अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी की सुबह 6 बजे से इंटरनेट बंद था।

किसानों की मुख्य मांगें

इस बार के आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कर रहे हैं। किसानों की मुख्य मांगें हैं-

  • MSP की कानूनी गारंटी
  • डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से कीमत तय हो।
  • किसानों और खेत में काम करने वाले मजदूरों को पेंशन दी जाए।
  • कृषि ऋण माफी।
  • बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं।
  • 2021 के लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए।
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
  • 2020-21 में हुए किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।

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