पिछले एक साल से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर जमें किसान अब घर लौट रहे हैं। सरकार के आश्वासन और संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन उठाने के एलान के बाद 379 वें दिन दिल्ली की सीमाओं से किसानों की वापसी का दौर शुरू हो गया। एक साल तक किसान सडकों पर डटे रहे, खुले आसमान के नीचे तंबू और टेंट के भीतर गर्मी-सर्दी सब सहते रहे। लेकिन आज किसानों के चेहरे पर परेशानी नहीं, खुशी देखने को मिल रही है। किसान आज गाजे बाजे के साथ अपनी जीत का जश्न मनाते हुए विजय रैलियां निकालेंगे और अपने घरों की ओर निकल जाएंगे।
Delhi: Farmers vacate the Singhu border area after announcing to suspend their year-long protest against the 3 farm laws & other related issues. pic.twitter.com/dFUhsviFVT
— ANI (@ANI) December 11, 2021
ट्रैक्टर ट्रॉलियों की खेतों में वापसी
दिल्ली से हरियाणा तक से किसान अपने घरों को लौट रहे हैं। सड़क से तंबू, टेंट और पंडाल हटाए जा रहे हैं। नेशनल हाइवे 44 पर आंदोलन के दौरान बनाए गए ईंटों के मकानों को किसानों ने तोड़ दिया है। आंदोलन के दौरान किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉलियों में तक घर बना रखा था। अब ये ट्रैक्टर ट्रॉलियां पंजाब-हरियाणा और यूपी के खेतों में वापस पहुंचेगी और एक बार फिर अन्नदाता अनाज उगाने के काम में जुट जाएंगे।
Protesting farmers take down their tents at Ghazipur border (Delhi-UP border) as they prepare to return to their homes following the announcement of the suspension of their year-long protest. pic.twitter.com/mSAWOc2WOz
— ANI UP (@ANINewsUP) December 11, 2021
15 दिसंबर तक खत्म हो जाएंगे सारे प्रदर्शन
15 दिसंबर तक किसानों की टोली पंजाब-हरियाणा समेत दिल्ली की सड़कों को पुरी तरह खाली कर देगी। टोल, मॉल और पेट्रोल पंप पर चल रहा प्रदर्शन भी खत्म हो जाएगा। दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर से बैरिकेडिंग भी हटाए जा रहे हैं।
15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक
13 दिसंबर को किसान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाएंगे। वहीं 15 दिसंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक होगी। किसानों ने स्पष्ट किया है कि इस आंदोलन को अभी स्थगित किया जा रहा है। किसान संयुक्त मोर्चा हर महीने प्रस्तावों की समीक्षा करेगा। अगर लंबे समय तक किसानों की मांगे लटकी रहीं तो आंदोलन फिर शुरू होगा।