इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर : क्राइम ब्रांच की बड़ी कार्रवाई, ड्रग सप्लाई करने वाला आरोपी गिरफ्तार; कई इलाकों में करता था तस्करी

हेमंत नागले, इंदौर। इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा मध्य प्रदेश में ड्रग्स की तस्करी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी दो पहिया वाहन से ड्रग्स की तस्करी करता था। आरोपी जावरा, मंदसौर, रतलाम मार्ग से इंदौर शहर में ड्रग्स लेकर आता था। वह शहर के अलग-अलग इलाकों में इसकी तस्करी करता था। आरोपी लंबे समय से ड्रग्स तस्करी में लिप्त था। फिलहाल, पुलिस आरोपी से आगे की पूछताछ कर रही है।

क्या है मामला ?

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर के अनुसार, शहर में मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों पर लगातार क्राइम ब्रांच नजर रखे हुए हैं। क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि आजाद नगर का रहने वाला अरशद अली 70 हजार की एमडी ड्रग्स लेकर शहर में सप्लाई करने के लिए घूम रहा है। वहीं, उसे चेकिंग के दौरान ट्रक के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी रतलाम, मंदसौर, जावरा कई जगह सड़क मार्ग से जाकर इस मादक पदार्थ को इंदौर शहर में लेकर आता था और शहर के अलग-अलग इलाकों में इसे बेचता था।  क्राइम ब्रांच अब ड्रग्स सप्लाई करने वाले अन्य आरोपी और खरीदने वालों की जानकारी जुटाने में लगी हुई है।

ड्रग्स के हर देश में कोड नेम

मिथाइलीनडाइऑक्सी मेथाम्फेटामाइन (MDMA) और मेफेड्रोन को कई नामों से बेचा जाता है। लगभग हर देश में इसके कोड नेम हैं। इस ड्रग को सूंघकर और पानी में मिलाकर भी लिया जाता है। नशे के बाजार में इस तरह की एक ग्राम ड्रग की कीमत एक हजार से 15 हजार रुपए तक है।

ड्रग्स दिमाग पर सीधा असर डालता है

कोकीन, मारिजुआना, एलएसडी आदि ड्रग्स कई तरह के हो सकते हैं। ये ड्रग्स दिमाग पर सीधा असर डालते हैं। सोचने-समझने की क्षमता कम कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार, ह्यूमन ब्रेन के मध्य पार्ट में ड्रग्स का असर पहुंचते ही यह प्लेजर एक्टिविटीज के सर्किट में काम करने लगता है। ब्रेन का मिड हिस्सा फूड, म्यूजिक आदि के कारण एक्टिव होता है और ड्रग्स के कारण यह अत्यधिक एक्टिव हो जाता है। सेवन करने वाले को हाई फील होता है। आसपास के माहौल से कट जाता है और टेंशन देने वाली बातों को भूल जाता है। सभी मुख्य अंगों पर गंभीर प्रभाव, हार्टफेल भी संभव। ड्रग्स दिमागी हालात को बिगाड़ता है। यह मुख्य रूप से शरीर में ब्रेन, हार्ट, लंग्स और पेट में असर करता है। इससे दिमागी हालत खराब होने लगती है। हार्ट की बात करें तो किसी केस में काफी कम तो किसी केस में काफी तेजी से यह काम करने लगता है। ड्रग्स लेने वाले को भूख ही नहीं लगती है, जिससे दूसरी बीमारियां शुरू हो जाती हैं।

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