
मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर के बाद अब उनकी मां की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उनकी मां मनोरमा पिस्तौल से किसानों को धमकाती हुई नजर आ रही हैं। पुलिस ने पूजा की मां मनोरमा खेडकर और पिता दिलीप खेडकर समेत पांच अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। घटना पुणे के मुलशी तालुका के धडावली गांव की है, जहां पूजा के पिता दिलीप खेडकर ने जमीन खरीदी है।
पुणे ग्रामीण पुलिस ने आईपीसी की धारा 323, 504, 506, 143, 144, 147, 148 और 149 के साथ-साथ आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है।
साल 2023 का है वायरल हो रहा वीडियो
पूजा की मां का सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो साल 2023 का है। जिसमें मनोरमा खेडकर हाथ में बंदूक लिए कुछ लोगों को धमका रही हैं। पुणे पुलिस के सुपरिंटेंडेंट पंकज देशमुख ने बताया कि, यह घटना पिछले साल 5 जून धडावली गांव में हुई थी। उस समय किसानों की तरफ से शिकायत दर्ज की गई थी, लेकिन शिकायत में पिस्तौल का जिक्र नहीं था। मामला किसानों की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि वह जमीन पर कब्जे को लेकर किसान को धमका रही है। मामले को लेकर पुणे पुलिस के एक अधिकारी का कहना है कि, वे जांच कर रहे हैं कि मनोरमा के पास पिस्तौल का लाइसेंस है या नहीं। देखें वीडियो…
पूजा खेडकर की जांच के लिए कमेटी गठित
केंद्र सरकार ने गुरुवार (11 जुलाई) को कहा कि, 2023 बैच की आईएएस अफसर पूजा खेडकर को महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है। विवादों में घिरी ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर की उम्मीदवारी को वेरिफाई करने के लिए सिंगल मेंबर कमेटी का गठन किया गया है। जांच अधिकारी दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे।
यह जांच एडिशनल सेक्रेटरी रैंक के अफसर करेंगे। इसका मकसद खेडकर की उम्मीदवारी के दावों और अन्य डिटेल को वेरिफाई करना होगा। जांच अधिकारी दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने विकलांगता और OBC आरक्षण कोटे का दुरुपयोग करके IAS में पद हासिल किया।
पुणे से वाशिम हुआ ट्रांसफर
विवादों के बीच ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने नई जगह काम संभाल लिया है। उन्होंने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला कलेक्टरेट में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर जॉइन किया। इस बार वो लाल बत्ती लगी ऑडी कार की बजाय साधारण बोलेरो कार में सवार होकर वाशिम जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं और पद्भार संभाला।
उन्हें पुणे से यहां ट्रांसफर किया गया है। उनपर कथित तौर पर कई लोगों को परेशान करने और अपनी पर्सनल ऑडी कार पर लाल बत्ती लगाने के आरोप हैं। वहीं उनपर लगे आरोपों को लेकर वाशिम में मीडिया के सवालों पर पूजा ने कहा कि, मुझे इस मामले में कुछ भी कहने का अधिकार नहीं है। सरकारी नियम मुझे कुछ कहने की अनुमति नहीं देते।
पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपए की संपत्ति
चुनावी हलफनामे के मुताबिक, पूजा खेडकर के पैरेंट्स के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है, जोकि कृषि भूमि सीमा अधिनियम का उल्लंघन करती है। इसके अलावा छह दुकानें, सात फ्लैट (एक हीरानंदानी में), 900 ग्राम सोना, हीरे, 17 लाख की सोने की घड़ी, चार कार हैं। इसके साथ ही दो प्राइवेट कंपनियों और एक ऑटोमोबाइल फर्म में हिस्सेदारी है। खुद IAS पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
पूजा की मां अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच हैं। पूजा के परिवार में उनके पिता और दादा दोनों प्रशासनिक सेवा में रहे हैं। उनके पिता तो पुणे में सहायक कलेक्टर भी रहे।
क्या है पूरा मामला
- ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने UPSC एग्जाम साल 2021 में क्लियर किया था। उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की परीक्षा में 841वीं रैंक हासिल की थी। पुणे में वे सरकारी दफ्तर में खुद की ऑडी कार लेकर आती थीं। उनकी लग्जरी कार पर महाराष्ट्र सरकार का बोर्ड, सरकारी प्लेट और लाल बत्ती लगी थी।
- पूजा ने पहले पुणे में प्रोबेशनरी असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर ज्वाइनिंग की थी। जिसके बाद उन्होंने कलेक्टर को वॉट्सएप मैसेज कर अपने लिए अलग से बैठने की व्यवस्था, कार, आवास और कॉन्स्टेबल की मांग की थी। उनकी वीआईपी डिमांड को लेकर कलेक्टर सुहास दिवसे ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और फिर उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया।
- पूजा खेडकर के सीनियर मुंबई गए तो पूजा ने सीनियर के चेंबर पर कब्जा कर लिया। वहां अपने नाम का बोर्ड लगा दिया, साथ ही सीनियर्स के चैंबर का सामान बाहर निकालकर रख दिया।
- इस व्यवहार के संबंध में पुणे के कलेक्टर सुहास दिवासे ने अपर मुख्य सचिव मंत्रालय को रिपोर्ट दी थी। इसमें कहा गया था कि, 18 से 20 जून 2024 की अवधि में जब अपर कलेक्टर मंत्रालय में आए तो पूजा खेडकर ने अपर कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां सोफा, टेबल, सहित सभी सामग्री बाहर निकाल ली। इसके बाद राजस्व सहायक को बुलाकर उनके नाम का लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, राष्ट्रीय ध्वज, नेमप्लेट, शाही मुहर, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
मेडिकल जांच कराने से किया इनकार
पूजा खेडकर ने दृष्टिबाधित श्रेणी से यूपीएससी परीक्षा पास की है और मानसिक बीमारी होने का प्रमाण पत्र पेश किया है। इसी आधार पर पूजा को विशेष रियायत मिली और वे आईएएस बन गईं। अगर उन्हें यह रियायत नहीं मिलती तो उनके प्राप्त अंकों को देखते हुए उनका आईएएस बनना असंभव था। पूजा ने खुद को पिछड़ा वर्ग (OBC) का बताया था। इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
- आईएएस का पद मिलने के बाद यूपीएससी पूजा खेडकर की मेडिकल जांच कराने का फैसला किया। लेकिन उन्होंने छह बार मेडिकल जांच में शामिल होने से इनकार किया।
- पहली बार : 22 अप्रैल 2022 को दिल्ली के एम्स अस्पताल में उनकी मेडिकल जांच कराई जानी थी, लेकिन उन्होंने कोविड पॉजिटिव होने का कारण बताते हुए जाने से मना कर दिया।
- दूसरी बार : 26 मई 2022 को एम्स अस्पताल बुलाए जाने के बावजूद वे जांच के लिए नहीं गईं।
- तीसरी बार : 27 मई 2022 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कई बार बुलाए जाने के बावजूद पूजा जांच के लिए नहीं गईं।
- चौथी बार : 1 जुलाई को पूजा को फिर एम्स बुलाया गया, लेकिन वे नहीं गईं।
- पांचवी बार : 26 अगस्त 2022 को पूजा खेडकर एम्स अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए तैयार हुईं। एमआरआई जांच के लिए उन्हें 2 सितंबर को उपस्थित होने के लिए कहा गया। उनकी जांच न्यूरो-ऑप्थमोलॉजिस्ट की मौजूदगी में होनी थी, जिसमें उनकी दोनों आंखों की रोशनी जाने का कारण पता लगाया जाना था।
- एम्स के ड्यूटी ऑफिसर ने कई बार बुलाया, लेकिन पूजा एमआरआई कराने नहीं गईं।
- छठी बार : 25 नवंबर 2022 को दोबारा पूछने पर पूजा ने जांच के लिए इनकार कर दिया। वह एमआरआई सेंटर से रिपोर्ट लेकर आईं और यूपीएससी को सौंप दी। यूपीएससी ने इस पर आपत्ति जताई और पूजा खेडकर के चयन को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण यानी कैट में चुनौती दी।
- 23 फरवरी 2023 को कैट ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया। लेकिन उसके बाद अज्ञात कारण के चलते पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत एमआरआई प्रमाण पत्र को स्वीकार कर लिया गया। इसके साथ ही उनकी नियुक्ति को वैध कर दिया गया।
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