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Earthquake : जम्मू-कश्मीर व दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में भूकंप के झटके, डरकर घरों से बाहर निकले लोग

दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कुछ हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। शनिवार की सुबह करीब 9:49 बजे ये झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर में लोगों को करीब 15-20 सेकंड तक धरती में कंपन महसूस हुई, लोग डरकर घरों से बाहर निकल आए। वहीं जम्मू-कश्मीर में भूकंप के काफी तेज झटके महसूस किए गए।

अफगानिस्तान में भूकंप का केंद्र

देश में अभी तक भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई है। रिक्टर स्केल पर उसकी तीव्रता 5.7 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान बॉर्डर पर हिंदुकुश की पहाड़ियों के नजदीक था। भूकंप की गहराई 210 किलोमीटर थी।

14 जनवरी को भी आया था भूकंप

इससे पहले 14 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके की तीव्रता 5.3 रही थी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान ताजिकिस्तान बॉर्डर पर बताया जा रहा था।

आखिर क्यों आते हैं भूकंप?

भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।

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कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।

किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है

  • 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
  • वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
  • 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
  • 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
  • 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
  • 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
  • 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
  • 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।

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