
नई दिल्ली। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, अल नीनो के प्रभाव के कारण इस साल भारत में मानसून के दौरान अधिक बारिश होने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में देश की जनता को तेज गर्मी का सामना करना पड़ेगा। गौरतलब है कि अल नीनो एक जलवायु घटना है जो प्रशांत महासागर के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में समुद्र की सतह के तापमान में असामान्य वृद्धि का कारण बनता है। यह भारतीय मानसून को प्रभावित करता है, जिससे अधिक या कम बारिश होती है।
कमजोर हुआ असर, ज्यादा बारिश के आसार
डब्ल्यूएमओ की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में अल नीनो की तीव्रता कमजोर से मध्यम होने की संभावना है। इसका मतलब है कि भारत में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है, लेकिन यह अत्यधिक बारिश नहीं होगी। अधिक बारिश के कारण देश में कई स्थानों पर बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ सकता है। डब्ल्यूएमओ ने भारत सरकार को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने की सलाह दी है।
गर्मी झेलने के लिए तैयार रहें भारतवासी
मई में असामान्य रूप से गर्मी का अनुभव होने की संभावना है, जिससे लू और जल संकट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डब्ल्यूएमओ ने नागरिकों को गर्मी से सावधान रहने और पानी का संरक्षण करने की सलाह दी है। डब्ल्यूएमओ ने भारत सरकार और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा है कि वह समय रहते लोगों को गर्मी और बाढ़ से सुरक्षित रहने के तरीके बताने के साथ साथ जल संरक्षम को लेकर समय पर अलर्ट भी जारी करे।