
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उससे जुड़े लिंक पर देशभर में छापेमारी की है। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत 10 राज्यों में कई लोकेशन पर छापा मारा है। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में PFI से जुड़े 106 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है।
इन राज्यों में NIA और ED का एक्शन
जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं। पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
राज्य | गिरफ्तारी |
केरल | 22 |
कर्नाटक | 20 |
महाराष्ट्र | 20 |
तमिलनाडु | 10 |
असम | 09 |
उत्तर प्रदेश | 08 |
आंध्र प्रदेश | 05 |
मध्य प्रदेश | 04 |
दिल्ली | 03 |
पुडुचेरी | 03 |
राजस्थान | 02 |
सड़क पर उतरे PFI कार्यकर्ता
NIA और ED ने मलप्पुरम जिले के मंजेरी में पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष OMA सलाम के अलावा PFI के दिल्ली हेड परवेज अहमद के घर पर छापेमारी की और गिरफ्तार कर लिया है। इस रेड के विरोध में PFI के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केरल के मल्लपुरम, तमिलनाडु के चेन्नई, कर्नाटक के मंगलुरु समेत कई जगहों पर संगठन के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने PFI पर एनआईए के छापे को लेकर NSA, गृह सचिव, डीजी एनआईए सहित अधिकारियों के साथ बैठक की।
विरोधी आवाजों को दबा रही सरकार: PFI
एनआईए की रेड पर PFI ने बयान जारी करते हुए कहा है कि, फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सेंट्रल एजेंसी हमारे लोगों को प्रताड़ित कर रही है। शासन द्वारा किये जा रहे अत्याचारों का ताजा उदाहरण आधी रात को देखने में मिला, जब केंद्रीय एजेंसियों एनआईए और ईडी ने लोकप्रिय नेताओं के घरों में छापेमारी की। राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घर छापेमारी की जा रही है। राज्य समिति कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है।

18 सितंबर को 23 जगहों की रेड
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 23 जगहों पर छापेमारी की थी, जहां कराटे प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ट्रेनिंग कैंप चलाए जा रहे थे। आतंकी गतिविधियों के संचालन की जानकारी मिलने के बाद निजामाबाद, कुरनूल, गुंटूर और नेल्लोर जिले में छापेमारी की गई थी।
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केरल से चर्चा में आया था PFI
PFI सबसे पहले 2010 में चर्चा में आया था। आरोप था कि, प्रोफेसर जोसेफ ने एक प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल के जरिए पैगंबर मोहम्मद साहब का अपमान किया था। इसके बाद कहा गया कि, PFI कार्यकर्ताओं ने प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काट दिए थे।
क्या है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया?
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एक इस्लामिक संगठन है। ये संगठन खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला बताता है। 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। संगठन की जड़े केरल के कालीकट में हैं। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 20 राज्यों में इसका विस्तार हो चुका है।