
भोपाल। लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही प्रदेश में खाली हुई राज्यसभा की एक सीट पर प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की नजरें लगी हुई हैं। केंद्रीय मंत्री व राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के लोकसभा सदस्य चुने जाने के कारण यह सीट रिक्त हुई है। संभावना है कि इस सीट पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व किसी बाहरी कैंडिडेट को भी नामांकित कर सकता है। पीएम मोदी के नवगठित मंत्रिमंडल में पंजाब और केरल के दो ऐसे मंत्रियों ने भी शपथ ली है जो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इसलिए यह संभावना बन रही है कि इनमें से किसी एक को मप्र के कोटे से उच्च सदन में भेजा जा सकता है।
टीम मोदी का दूसरी बार हिस्सा बने तमिलनाडु के भाजपा नेता एल मुरुगन अभी राज्यसभा में मप्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सिंधिया के राज्यसभा से इस्तीफा देते ही उपचुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। भाजपा हाईकमान इस सीट के लिए सियासी, जातीय और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से पार्टी के किसी नेता को मौका देगा। इसके लिए प्रदेश में सियासी सरगर्मी जोर-शोर से चल रही है। कई नेताओं के नाम भी दावेदारों के रूप में लिए जा रहे हैं।
बिट्टू अथवा कुरियन..!
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मोदी मंत्रिमंडल में दो ऐसे चेहरे शामिल हुए हैं जो वर्तमान में किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं। इनमें पंजाब के रवनीत सिंह बिट्टू और भाजपा के महासचिव एवं केरल के जॉर्ज कुरियन शामिल हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में कुरियन एक मात्र ईसाई सदस्य हैं। इन दोनों को छह महीने के भीतर सांसद चुने जाने की अनिवार्यता है। इनमें से किसी एक को मप्र से भेजे जाने की संभावना बन रही है।
अमित शाह ने कहा था – केपी का खयाल रखेंगे
गुना सीट से भाजपा ने इस बार निवर्तमान सांसद केपी यादव का टिकट काटकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव मैदान में उतारा था। भाजपा के चुनावी रणनीतिकार और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने गुना की चुनावी सभा में यादव की मौजूदगी में ही यह ऐलान किया था वह केपी का खयाल रखेंगे। उनका सम्मान बना रहेगा। इसलिए यादव का नाम भी है। उनके अलावा पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा और जयभान सिंह पवैया के नाम की चर्चा है।