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अमेरिका में रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित हुए डॉग्स

14 राज्यों में सामने आए सांस से जुड़ी इस बीमारी के मामले, जांच में जुटे पशु चिकित्सक

वाशिंगटन। अमेरिकन वेट्रनेरी मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार देश के कम से कम 14 राज्यों में डॉग्स सांस की एक रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित हुए हैं। एसोसिएशन ने पशु चिकित्सकों से ऐसे मामलों की जानकारी देने के लिए कहा है। वहीं प्रयोगशालाएं बीमारी से जुड़े रोगाणु की पहचान करने में जुटी हुई हैं। रिसर्चर्स अभी भी यह तय करने का प्रयास कर रहे हैं कि यह बीमारी जो कि घातक हो सकती है, वायरस या बैक्टीरिया किस कारण से हुई है या फिर यह केनल कफ के नाम से पहचानी जाने वाली बीमारी का वैरिएंट है। इस बीमारी में डॉग्स को खांसी आती है जोकि चार या छह हफ्ते तक जारी रह सकती है। यह खांसी माइल्ड ब्रोंकाइटिस हो सकती है या फिर बढ़ कर निमोनिया में भी तब्दील हो सकती है।

इंसानों में फैलने के संकेत कम, फिर भी सतर्कता बरतें

पशुचिकित्सकों ने डॉग मालिकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की चेतावनी दी है। विशेषकर छुट्टियों के मौसम में जब लोग अपने परिवार के साथ पैट्स लेकर चलते हैं या उन्हें कहीं छोड़ कर जाते हैं, इस दौरान विशेष सतर्कता जरूरी है। ऑरेगॉन में अब तक ऐसे दो सौ मामले सामने आए हैं वहीं कैलीफोर्निया, कोलेरोडो, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, इडाहो, इलिनॉयस, इंडियाना, मैरीलैंड, मेसाचुसेट्स, न्यू हैम्पशायर, रोडे आइसलैंड, वर्मोंट एवं वाशिंगटन में पीड़ित डॉग्स की संख्या ज्ञात नहीं है।

विशेषज्ञ कारणों की पहचान में जुटे, एंटीबॉयोटिक्स बेअसर

एसोसिएशन की अध्यक्ष, पशुचिकित्सक रेना कार्लसन ने कहा कि इस प्रकोप के बारे में इतना कुछ अज्ञात है कि इसे केवल एक असामान्य बीमारी के रूप में संदर्भित किया जा रहा है। हम यह नहीं जानते कि क्या ये अन्य प्रजातियों में भी फैल सकती है, क्या यह इंसानों या बिल्लियों को भी हो सकती है। हम नजर रखे हुए हैं। न्यू हैम्पशायर के विशेषज्ञ ने अपनी पड़ताल का फोकस एक नए बैक्टीरयम पर केंद्रित किया है, लेकिन अभी इस बीमारी के उपचार में एंटीबॉयोटिक्स दवाएं काम नहीं कर रही हैं।

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