
संतोष चौधरी भोपाल। नई आबकारी नीति में शराब अहाते बंद होने की स्थिति में राजधानी के दो शराब कारोबारियों ने बार खोलने में रुचि दिखाई है। नए वित्तीय वर्ष से सोम ग्रुप और मयंक चावला इसकी शुरुआत कर रहे हैं। सोम ग्रुप बिट्टन मार्केट और चावला बागमुगलिया में बार शुरू करने जा रहे हैं। वर्तमान में राजधानी में एफएल-2 और एफएल-3 के 52 बार चल रहे हैं।
प्रदेशभर में अहाते बंद होने जा रहे हैं। इसमें भोपाल में चल रहे 60 अहाते शामिल हैं। इनके बंद होने से कारोबारी आहत हैं। क्योंकि 30 प्रतिशत कमाई अहातों से होती है। अब उनका रुझान बार खोलने की तरफ बढ़ रहा है। एक शराब कारोबारी के अनुसार, जब 20 से 50 करोड़ का ठेका ले रहे हैं, तो 16 लाख रुपए में एफएल-2 का लाइसेंस लेकर बार खोलने में क्या दिक्कत है। उनका मानना है कि घाटे की भरपाई बार खोलकर कर सकते हैं।
राजधानी के छह से ज्यादा ठेकेदार भी बार खोलने की तैयारी में
सूत्रों के अनुसार, सोम और चावला ग्रुप ने करीब एक माह पहले ही बार के लायसेंस के लिए आवेदन किया था। दोनों ने सभी डॉक्यमेंट्स भी लगाए हैं। 7 मार्च को आबकारी विभाग ने बार के लिए जगह का निरीक्षण भी किया है। विभाग को 9 मार्च तक इसका निराकरण करना है।
एफएल-2 की लायसेंस फीस 16 लाख रुपए सालाना : आबकारी की शर्तों के अनुसार, एफएल-2 का बार लायसेंस लेने के लिए करीब डेढ़ हजार वर्ग फीट का एयरकंडीशन हाल होना चाहिए। इसमें किचन के अलावा लेडिज व जेंट्स टॉयलेट भी अलग-अलग होना चाहिए। लायसेंस फीस करीब 16 लाख सालाना है। लायसेंस लेने के बाद बार संचालक को करीब की शराब दुकान से शराब की सप्लाई करनी होगी, बाहर से शराब नहीं ला सकते।
आधा दर्जन अहातों के पास है 2000 वर्ग फीट की जगह
सूत्र बताते हैं कि मौजूदा आधा दर्जन ठेकेदार भी बार खोलने की तैयारी कर रहे हैं। असल में एक दर्जन अहाते 2000 वर्ग फीट से ज्यादा जगह में बने हैं। ये वाताकूलित हैं। इनमें एमपी नगर जोन क्रमांक-1, आईएसबीटी, कजरीकलां, गेहूंखेड़ा, नीलबड़, रातीबड़ के अहाते हैं।
एफएल-2 लायसेंस की नीति में हो सकता बदलाव : विभागीय सूत्रों का कहना है कि सरकार अहाते बंद होने के बाद एफएल-2 के लायसेंस और बार नीति में संशोधन पर विचार कर रही है। अहाते बंद होने से राज्य सरकार को हर साल 3 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान होगा। इस घाटे की भरपाई के लिए बार नीति में परिवर्तन करने की योजना पर काम कर रही है।
घनी आबादी में लाइसेंस मिलना मुश्किल
ऐसा नहीं है कि सभी अहातों को एफएल-2 लाइसेंस मिल जाएगा। क्योंकि घनी आबादी में इतना बड़ा स्थान मिलना मुश्किल है। भोपाल में दो दर्जन से अधिक दुकानों के अहाते पूरी तरह बंद हो जाएंगे। यहां छोटेछोटे स्थानों पर अहाते है।
भोपाल में दो बार खोलने के आवेदन मिले हैं, जो अंडर प्रोसेस हैं। इनके लायसेस संबंधी आवेदन पर विचार किया जा रहा है। -राकेश कुर्मी, सहायक आबकारी आयुक्त,भोपाल