जबलपुरमध्य प्रदेश

जजों ने युवा अधिवक्ताओं को समझाए कोर्ट के अधिकार

जबलपुर। धर्मशास्त्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, जबलपुर में तीन दिवसीय युवा अधिवक्ताओं प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ शुक्रवार को सुबह 10 बजे न्यायमूर्ति केके त्रिवेदी म.प्र. उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा किया गया। कार्यक्रम में न्यायमूर्ति केके त्रिवेदी (सेवानिवृत्त), न्यायमूर्ति दिनेश कुमार पालीवाल, न्यायमूर्ति विशाल धगत, एसएन खरे, वरिष्ठ अधिवक्ता अंशुमन सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर श्रीवास्तव, एड. सिद्धार्थ गुलेटी, एड. अविनाश जरगर, एड. आशीष श्रोती, एड. जयदीप सिपुरकर, डॉ. प्रवीण त्रिपाठी, गौतम गुप्ता द्वारा विभिन्न सत्रों पर चर्चा की।

कार्यक्रम के पहले दिन एसएन खरे और डॉ. प्रवीण त्रिपाठी ने मुकदमे के मूल्यांकन और अदालती फीस के आंकलन की प्रक्रिया के साथ सिविल कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को समझाया।

न्यायमूर्ति त्रिवेदी ने नागरिक कानून के महत्व को बताते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे नागरिक कानून को अन्य सभी कानूनों की जननी माना जाता है। साथ ही उन्होंने नागरिक कानूनों में दलील देने, मसौदा तैयार करने, आवेदन करने और बाध्यकारी करने के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से बताया। वरि. अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने ग्राहक परामर्श और परामर्श के मूल सिद्धांतों पर भी प्रकाश डाला। प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रो. (डॉ.) वी. नागराज, कुलपति, डीएनएलयू के मार्गदर्शन और रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) शैलेश एन. हेडली और एसएन खरे, पूर्व जिला न्यायाधीश की सलाह पर प्रशिक्षण कार्यक्रम की आयोजन समिति में छात्र कल्याण विभाग के डीन डॉ. प्रवीण त्रिपाठी, विधि के सहायक प्राध्यापक गौतम गुप्ता और विधि के सहायक प्राध्यापक शशांक पाठक द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

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