
गुजरात के राजकोट जिले के ग्रामीण इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। बता दें कि गुरुवार सुबह 10.40 पर भूकंप के झटके महसूस हुए, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र राजकोट के दक्षिणी इलाके में गोंडल से 13 किमी दूर स्थित था। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
ग्रामीण इलाकों में आया भूकंप
जानकारी के मुताबिक, राजकोट में भूकंप का कोई झटका महसूस नहीं किया गया। बल्कि गोंडल, वीरपुर समेत ग्रामीण इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसके बाद कई इलाकों के लोग घरों से बाहर निकल आए। बताया जा रहा है कि भूकंप के झटके ग्रामीण इलाकों में खेतों में काम करने वाले किसानों ने भी महसूस किए हैं।
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में फिर महसूस हुए भूकंप के झटके, जानें कितनी रही तीव्रता
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
ये भी पढ़ें- Earthquake: पाकिस्तान में भूकंप… राजस्थान के बीकानेर तक हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 4.1 थी तीव्रता
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
ये भी पढ़ें- इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में भूकंप के 3 झटके महसूस हुए, रिक्टर स्केल पर 6.1 तीव्रता रही
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में फाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।